हिंदी दिवस पर छात्र की कलम से, राजभाषा हिंदी भारत की है आन बान शान

हिंदी दिवस हर साल 14 सितंबर को मनाया जाता है। यह दिन इसलिए भी महत्वपूर्ण है कि 14 सितंबर 1949 को संविधान सभा ने हिंदी को भारत की ‘राजभाषा’ के रूप में स्वीकार किया था। इस दिन का उद्देश्य हिंदी भाषा के प्रचार-प्रसार को बढ़ावा देना और लोगों को इसकी महत्ता के बारे में जागरूक करना है।

इस दिवस का चयन इसलिए किया गया क्योंकि 14 सितंबर को महान हिंदी साहित्यकार राजेंद्र सिन्हा का जन्मदिन भी है, जिन्होंने हिंदी को ‘राष्ट्रभाषा’ बनाने में महत्वपूर्ण योगदान दिया था। हिंदी दिवस के माध्यम से हमें हिंदी भाषा की समृद्धि, विविधता और उसकी सांस्कृतिक धरोहर को संजोने और आगे बढ़ाने का अवसर मिलता है।

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भारतीय भाषाओं मे हिंदी एक ऐसी भाषा है जिसे ‘राजभाषा’ के रूप में भी अपनाया गया है। यह भारत देश की ‘संपर्क भाषा’ और रोज़गार के साथ जुडनेवाली ‘प्रयोजनमूलक भाषा’ भी है। हिंदी भाषा की एक बहुत बड़ी विशेषता यह है कि इसमें ‘silent words’ नहीं होते हैं। इस कारण से हिंदी एक ‘फोनेटिक लैड्ग्वेज’ है।

हिंदी की अपनी 5 उपभाषाएँ और 18 बोलियाँ है। हिंदी की लिपि देवनागरी है और इसमें 14 स्वर 33 व्यंजन है। हिंदी दुनिया में व्यापक रूप में बोली जानेवाली चोटी भाषा है। इसीलिए हम छात्रों को हिंदी के प्रचार और प्रसार के लिए आगे आना चाहिए और इसके विकास के लिए संकल्प लेना चाहिए। क्योंकि हिंदी हमारी आन बान शान है।

भवंस विवेकानंद कॉलेज सैनिकपुरी हैदराबाद केंद्र

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