राजनीतिक विश्लेषण: मोदी को हटाने कटिबद्ध हैं KCR व नीतीश, किंतु दोनों में हैं एक बड़ा फर्क, जानने के लिए पढ़ें खबर

[नोट- इस राजनीतिक विश्लेषण खबर पर पाठकों की प्रतिक्रिया अपेक्षित है। उत्तम प्रतिक्रिया को फोटो के साथ छापेंगें। धन्यवाद]

हैदराबाद: तेलंगाना राष्ट्र समिति (TRS) के अध्यक्ष और तेलंगाना (Telangana) के मुख्यमंत्री कल्वकुंट्ला चंद्रशेखर राव (KCR) और बिहार (Bihar) के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) ने केंद्र की नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) और भाजपा (BJP) के नेतृत्व वाली एनडीए (NDA) सरकार के खिलाफ युद्ध की घोषणा कर दी और गैर-भाजपा दलों को एक साथ लाने के अपने प्रयासों को तेज कर दिया है। केसीआर जहां पिछले कुछ समय से गैर-भाजपा दलों के नेताओं के साथ सिलसिलेवार बैठकें कर रहे हैं। वहीं नीतीश कुमार की शुरुआत 5 सितंबर से हुई है।

देश की राजनीति पर चर्चा

केसीआर पहले से ही तृणमूल अध्यक्ष और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, सपा प्रमुख अखिलेश यादव, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, तमिलनाडु के मुख्यमंत्री और द्रमुक के अध्यक्ष स्टालिन, केरल के मुख्यमंत्री विजयन, जदएस के अध्यक्ष और पूर्व प्रधानमंत्री देवेगौड़ा, कुमार स्वामी, राकांपा प्रमुख शरद पवार, शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे और अन्य नेताओं से मुलाकात की और देश की राजनीति पर चर्चा की हैं।

नेताओं से केसीआर का मिलना

केसीआर ने हाल ही में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव, राबड़ी देवी, तेजस्वी यादव और अन्य नेताओं से पटना में मुलाकात की और देश की राजनीति पर चर्चा की। केसीआर चाहते हैं कि मोदी सरकार को हटाने के लिए सभी विपक्षी दल एकजुट हो जाये। नीतीश कुमार, जिन्होंने हाल ही में भाजपा से नाता तोड़ लिया और राजद के साथ गठजोड़ किया, भी केसीआर के साथ बैठक के बाद मोदी के खिलाफ जंग में कूद पड़े हैं। नीतीश कुमार 5 सितंबर को दिल्ली के लिए रवाना हुए।

नेताओं से नीतीश का मिलना

दिल्ली के लिए रवाना होने से पहले नीतीश ने राजद प्रमुख लालू यादव, पूर्व सीएम राबड़ी देवी और मौजूदा डिप्टी सीएम तेजस्वी से चर्चा की। दिल्ली में नीतीश पहले ही कांग्रेस नेता राहुल गांधी, भाकपा के राष्ट्रीय महासचिव डी राजा और सीपीएम महासचिव सीताराम येचुरी से मिल चुके हैं। नीतीश एनसीपी प्रमुख शरद पवार, आम आदमी पार्टी के अध्यक्ष और दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल, आईएनएलडी के नेता चौटाला और सपा के अध्यक्ष अखिलेश यादव के साथ बातचीत करेंगे।

केसीआर और नीतीश की राजनीतिक रणनीति व्यूह रचना अद्वितीय

बिहार के दौरे पर गये केसीआर से जब पटना में पत्रकारों ने पूछा कि क्या वह नीतीश को प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार के रूप में प्रस्तावित करेंगे, तो उन्होंने इस बात से किनारा कर लिया। केसीआर ने कहा कि विपक्षी दलों के सभी नेता बैठकर चर्चा करेंगे और आम सहमति बनाएंगे। प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार चाहे जो भी हो, केसीआर और नीतीश की राजनीतिक रणनीति व्यूह रचना अद्वितीय हैं। नीतीश कब किसके साथ कटिफ कहेंगे, कब बीजेपी को पसंद करेंगे और कब राजद को पसंद नहीं करेंगे, इसका अंदाजा कोई नहीं लगा सकता। लेकिन नीतीश ने इन दोनों पार्टियों से अलग-अलग समय पर दोस्ती की है। सत्ता पर बने रहे हैं। केसीआर के पटना दौरे के बाद सक्रिय हुए नीतीश ने भी अपनी किस्मत आजमाने के लिए दिल्ली दौरा कर रहे हैं।

केसीआर और नीतीश में बड़ा अंतर

केसीआर और नीतीश में एक बड़ा अंतर है। नीतीश कुमार अपनी संतान को या रिश्तेदारों को राजनीति में करीब तक आने नहीं दिया। बिना भाई-भतीजावादी नेता के रूप में देशभर में उनकी छवि साफ है। लेकिन केसीआर की स्थिति बिल्कुल अलग है। केसीआर ने अपने पूरे परिवार को राजनीति में लेकर आये हैं। बेटी, बेटे, भतीजा, करीबी और दूर के रिश्तेदारों को राजनीति में लेकर आये हैं। साथ ही सभी मुख्य पदों पर बिठाया हैं। केसीआर के बेटे केटीआर आईटी मंत्री हैं। बेटी कविता एमएलसी हैं। भतीजे हरीश राव वित्त मंत्री और स्वास्थ्य मंत्री हैं। निकटतम रिश्तेदार संतोष राव सांसद हैं। इस तरह केसीआर की एक लंबी सूची है। 2024 के संसदीय चुनावों में नरेंद्र मोदी को सत्ता से बाहर करने के उद्देश्य से दक्षिण से केसीआर और उत्तर से नीतीश कुमार ने एक साथ आक्रमण शुरू कर दिया है। ये दोनों नेता कितने सफल होंगे यह तो वक्त ही बताएगा।

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