आज का सुविचार
जो भी इतिहास की कुछ जानकारी रखता है वो ये जानता हैं कि महान सामाजिक बदलाव बिना महिलाओं के उत्थान के असंभव है। सामाजिक प्रगति महिलाओं की सामाजिक स्थिति को देखकर मापी जा सकती है। – कार्ल मार्क्स
हैदराबाद: मुनुगोडु उपचुनाव में सभी मुख्य राजनीतिक दल पिछड़ी जाति समुदाय को टिकट नहीं दिये जाने का जमकर विरोध हो रहा है। तेलंगाना के अनेक पिछड़ी जाति के संगठन और लोग खुलकर सामने आ रहे हैं और विरोध जताया रहे हैं।
इसी क्रम में बीसी समुदाय के एक निर्दलीय उम्मीदवार ने शुक्रवार को आखिर दिन घोड़े पर आकर नामांकन दाखिल किया है। इसके चलते यह ‘घोड़ा’ सबका आकर्षण केंद्र बन गया है। कुम्हार समुदाय के वीरबोगा वसंतारायुलू ने आज एक दूल्हे राजा की तरह सजधजकर घोड़े पर आये और चंडूर निर्वाचन अधिकारी के पास अपना नामांकन दाखिल किया।
इस अवसर पर वसंतारायुलू ने कहा कि मुनुगोडु निर्वाचन क्षेत्र में बीसी समुदाय के 80 फीसदी लोग है। इसके बावजूद किसी भी दल ने बीसी समुदाय को टिकट नहीं दिया। यह अत्यंत दुख, चिंता और सोचने वाली की बात है। साथ ही कहा कि दोनों तेलुगु राज्यों में एक भी कुम्हार समुदाय का विधायक नहीं है। इसीलिए दोनों सरकारों का ध्यान कुम्हार जाति/समुदाय की ओर आकर्षित करने के लिए घोड़े पर आकर नामांकन दाखिल किया है।
वसंतारायुलू ने यह भी सवाल किया कि मंत्री केटीआर की ओर से मुनुगोडु को गोद लेने की बात करना हास्यास्पद है। एक मंत्री का कर्तव्य होता है कि वह पूरे राज्य के विकास। मगर एक मंत्री उपचुनाव वाले निर्वचान क्षेत्र के विकास करने की बात कैसे करते है? गौरतलब है कि वीरबोगा वसंतारायुलू नलगोंडा जिले के नामपल्ली मंडल के उप्परीगुडेम निवासी है और हैदराबाद में आयुर्वेद डॉक्टक के रूप में काम करते हैं।
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आपको बता दें कि चंडुरु शहर में नामांकन पत्र दाखिल करने की पृष्ठभूमि के चलते धारा 144 लागू है। नामांकन पत्र
प्राप्त करने और जमा किये जाने वाले कार्यालय के पास पुलिसकर्मी का बंदोबस्त हैं। नामांकन पत्र दाखिल करने वाले उम्मीदवारों के साथ केवल पांच लोगों को रिटर्निंग कार्यालय में प्रवेश करने की अनुमति दी गई।
15 अक्टूबर को नामांकन पत्रों की जांच होगी। इस महीने की 17 तारीख तक नामांकन वापस लिए जा सकते हैं। 3 नवंबर को सुबह 7 बजे से शाम 6 बजे तक मतदान होगा। वोटों की गिनती 6 नवंबर को होगी और 8 नवंबर तक चुनाव प्रक्रिया खत्म हो जाएगी।