हैदराबाद: तेलंगाना में मुसलमान समुदाय ने बुधवार को मुहर्रम के दसवें दिन ‘यौम-ए-आशूरा’भव्य रूप से मनाया। हिजरी कैलेंडर के पहले महीने में पड़ता है। यह दिन सदियों पहले कर्बला की लड़ाई में पैगंबर मुहम्मद के पोते हजरत इमाम हुसैन की शहादत की याद में मनाया जाता है। इस दौरान पूरे शहर में विशेष प्रार्थना, बैठकें और भोजन शिविर आयोजित किए गए। युवाओं ने मुख्य मार्गों पर लोगों के बीच पानी की बोतलें और शर्बत बांटे और अस्पतालों और वृद्धाश्रमों में जाकर भोजन और फल भी बांटे।
इसी क्रम में हैदराबाद शहर में बीबी का अलम (मानक) को दबीरपुरा में बीबी का अलवा से जुलूस के रूप में निकाला गया। जुलूस दोपहर 1 बजे शुरू हुआ और शेख फैज कमान, याकूतपुरा रोड, एतेबार चौक, अलीजा कोटला, चारमीनार, गुलजार हौज, पंजेशाह, मंडी मीरआलम, दारुलशिफा से होते हुए चादरघाट में मस्जिद-ए-इलाही में लगभग नौ किलोमीटर की दूरी तय करके समाप्त हुआ। रास्ते में हजारों की संख्या में शोक मनाने वाले लोग जुलूस में शामिल हुए और शिया समुदाय के कई सदस्यों ने ‘या हुसैन’ के नारों के बीच खुद को धारदार हथियारों से घायल कर लिया।
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शहर भर से कई अन्य छोटे जुलूस मुख्य जुलूस में शामिल हुए। पुलिस ने जुलूस के शांतिपूर्ण तरीके से गुजरने के लिए व्यापक व्यवस्था की थी। इसके लिए न केवल शहर से बल्कि आसपास के विकाराबाद, रंगारेड्डी, नलगोंडा और संगारेड्डी जिलों से भी लोग आए थे। हैदराबाद के पुलिस आयुक्त के श्रीनिवास रेड्डी, अतिरिक्त सीपी (कानून और व्यवस्था) विक्रम सिंह मान, जीएचएमसी और एचएमडब्ल्यूएसएसबी के अधिकारियों और अन्य लोगों ने अलग-अलग जगहों पर अलम को ‘धाटी’ चढ़ाई। (साभार- जनता से रिश्ता)