हैदराबाद : रक्षा मंत्रालय के मिनी रत्न पीएसयू मिश्र धातु निगम लिमिटेड (मिधानि) के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक डॉ एस के झा ने प्रेस मीट में नई व वर्तमान में संचालित परियोजनाओं पर बातचीत करते हुए बताया कि मिधानि ने आर्मर के क्षेत्र में अपने कार्यक्षेत्र का विस्तार करते हुए रोहतक हरियाण में आर्मर इकाई की स्थापना की है। यहाँ से देश के सुरक्षा बलों के लिए आर्मर के विभिन्न उत्पादों का उत्पादन किया जाएगा। जैसे जैसे सुरक्षा की माँग बढ़ती है वैसे-वैसे उत्पादों की तकनीक में भी बदलाव आवश्यक हो जाता है।
सुरक्षा के लेवल में वृद्धि करनी होती है। हम सुरक्षा कर्मी की सुरक्षा के लिए व्यक्ति के स्तर पर और वहनों के स्तर पर काम कर रहे हैं। जे एंड के पुलिस महानिदेशक से चर्चा के दौरान यह बात सामने आई है कि अब हमें लेवल 6 की सुरक्षा की आवश्यकता है। इस क्षेत्र में भी हमारी आर एंड डी टीम काम कर रही है। रोहतक की हमारी इकाई इस लेवल के उत्पादों को उत्पादित करने के लिए सक्षम है।

उन्होंने भारत सरकार के गगनयान परियोजना के संबंध में बताया कि मिधानि इस परियोजना के साथ आरंभ से ही जुड़ा हुआ है। इसके लिए विशेष प्रकार की जो सामग्री की आवश्यकता है उसे मिधानि द्वारा पूरा किया जा रहा है। न केवल चंद्रयान तथा गगनयान बल्कि इसरो के सभी परियोजनाओं में मिधानि का महत्वपूर्ण योगदान रहा है। अब चूंकि हमारे नए संयंत्र प्लाँट वाईड प्लेट मिल में भी उत्पादन का कार्य आरंभ हो चुका है हम भारतीय रक्षा के साथ-साथ भारतीय रेलवे के लिए भी काम करने लगे हैं। यह संयंत्र भारत के साथ-साथ एशिया का एक अनुपम व महत्पूर्ण संयंत्र है। इसका निर्माण 40-50 प्रतिशत भारत में ही किया गया है।
मिधानि के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक ने यह भी बताया कि पिछले तीन-चार वर्षों से चल रही 700-800 करोड़ रूपयों की परियोजनाओं को लेकर चल रहे थे जो अब पूरे कर लिए गए हैं। हम घरेलू और अंतर राष्ट्रीय स्तर पर पहचान बनाने में सफल हो रहे हैं। उन्होंने भारत सरकार के आत्मनिर्भर भारत योजना के संबंध में बताया कि मिधानि अपनी नई व वर्तमान में संचालित परियोजनाओं के आधार पर भारत को आत्मनिर्भर बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।

उन्होंने आगे बताया कि मिधानि ने वित्तीय वर्ष 2021-22 की तीसरी तिमाही के दौरान 23.22 फीसदी की वृद्धि दर्ज करते हुए पिछले वर्ष समान अवधि में प्राप्त किए गए। 190.09 करोड़ के टर्नओवर की तुलना में ₹ 234.22 करोड़ का टर्नओवर हासिल किया गया है।
वित्त वर्ष 2021-22 की तीसरी तिमाही के दौरान उत्पादन का मूल्य (वीओपी) पिछले वर्ष की इसी अवधि में 229.51 करोड़ रुपये के उत्पादन मूल्य (वीओपी) के मुकाबले 29.26 फीसदी की वृद्धि के साथ 296.67 करोड़ रुपये रहा है।
वित्त वर्ष 2021-22 की तीसरी तिमाही के दौरान कर पूर्व लाभ (पीबीटी) 58.25 रुपये करोड़ रहा है। पिछले वर्ष की इसी अवधि में कर पूर्व लाभ (पीबीटी) 80.65 करोड़ रुपये दर्ज किया गया था।
वित्त वर्ष 2021-22 की तीसरी तिमाही के दौरान कर पश्चात लाभ (पीएटी) 42.88 करोड़ रहा है। पिछले वर्ष की इसी अवधि में कर पश्चात लाभ (पीएटी) 60.02 करोड़ रुपये दर्ज किया गया था।
दिसंबर 2021 को समाप्त नौ महीने की अवधि के लिए कंपनी ने पिछले वर्ष की इसी अवधि में 467.35 करोड़ रुपये के मुकाबले 14.73 फीसदी की वृद्धि दर्ज करते हुए 536.20 करोड़ रुपये का कारोबार हासिल किया है।
वित्त वर्ष 2021-22 की तीसरी तिमाही तक उत्पादन का मूल्य (वीओपी) पिछले वर्ष की इसी अवधि में 500.50 करोड़ रुपये के मुकाबले 27.18 फीसदी की वृद्धि के साथ 636.56 करोड़ रुपये दर्ज किया गया है।
वित्त वर्ष 2021-22 की तीसरी तिमाही तक के कर पूर्व लाभ (पीबीटी) 128.66 करोड़ रुपये रहा है। यह पिछले वर्ष की इसी अवधि में 124.57 करोड़ दर्ज किया गया था। अतः पिछले वर्ष की इसी अवधि के मुकाबले इस वर्ष की पीबीटी में 3.29 फीसदी की वृद्धि दर्ज की की गई है।
वित्त वर्ष 2021-22 की तीसरी तिमाही तक के कर पश्चात लाभ (पीएटी) 95.32 करोड़ रुपये रहा है। यह पिछले वर्ष की इसी अवधि 91.67 करोड़ में दर्ज किया गया था। अतः पिछले वर्ष की इसी अवधि के मुकाबले इस वर्ष के पीएटी में 3.98 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई है।
कंपनी का संचालन कोविड- 19 महामारी की दूसरी लहर से प्रभावित हुआ। 31 दिसंबर 2021 को समाप्त अवधि के बाद स्थिति में सुधार होने लगा है। आज की तारीख में व्यापार/आर्थिक स्थितियों के आकलन के आधार पर कहा जा सकता है कि कंपनी को पूर्ण विश्वास है कि संपत्ति के वहन मूल्य की वसूली और महामारी से संबंधित अनिश्चितता का मूल्यांकन करके इसकी वृद्धि निरंतर अद्यतन होती रहेगी। 1 जनवरी 2022 को कंपनी की ऑर्डर बुक की स्थिति 1349.40 करोड़ रुपये रही है।