हैदराबाद : तेलंगाना में शराब की बिक्री हर साल बढ़ रही है। इन दो सालों में आबकारी नीति अवधि के दौरान 54,583 करोड़ रुपये शराब की बिक्री हुई है। पिछली आबकारी नीति अवधि की तुलना में इस बार 13,746 करोड़ की बिक्री अधिक रही है। इनमें आबकारी शुल्क और आवेदन शुल्क अतिरिक्त हैं। नई नीति अगले महीने से शुरू हो रही है। आबकारी विभाग ने अनुमान लगाया है कि अगले दो सालों में 70 हजार करोड़ रुपये शराब की बिक्री होगी।
तेलंगाना में दूसरी बार आबकारी नीति में बदलाव हो रहा है। वाइन मालिकों को दो साल के लिए लाइसेंस दिया जाता है। 2019-2021 आबकारी नीति 1 नवंबर 2019 से 31 अक्टूबर 2021 तक है। हालांकि कोरोना और अन्य कारणों के चलते इसकी अवधी एक महीना बढ़ा दिया। नवंबर 2019 से अक्टूबर 2021 तक तेलंगाना में 54,583 करोड़ रुपये लिकर की बिक्री हुई।
पहले साल 29,836 करोड़ रुपये और दूसरे साल में 24,747 करोड़ रुपये की बिक्री हुई। सात करोड़ केस आईएमएल (इंडियाना मेड लिकर) और 6.3 करोड़ केस बीयर की बिक्री हुई है। सबसे ज्यादा रंगारेड्डी जिले में दो सालों में 12,179 करोड़ की खपत हुई। इसके बाद नलगोंडा में 5,982 करोड़ रुपये, हैदराबाद में 5,821 करोड़ रुपये और मेदक में 4,277 करोड़ रुपये की बिक्री हुई है। 2017-19 की आबकारी नीति में 40,837 करोड़ रुपये शराब की बिक्री हई।
दो सालों में दो बार बढ़ोत्तरी
मौजूदा आबकारी नीति में शराब के दाम दो बार बढ़ाये गये। लगभग 40 फीसदी से ज्यादा शराब की कीमतों में बढ़ोत्तरी की गई। दिसंबर 2019 में 20 फीसदी और 2021 (कोरोना काल) में महामारी उपकर के नाम पर 22 फीसदी तक शराब के दाम बढ़ाये गये। अन्य राज्यों में बढ़ाये गये कोरोना सेस में कमी की गई, मगर तेलंगाना में वैसे ही जारी है।
कोरोना काल में बढ़ी बिक्री
लॉकडाउन के कारण 22 मार्च से 5 मई 2020 तक शराब की बिक्री बंद थी। 6 मई से फिर से शराब की बिक्री शुरू हो गई। फिर भी 2020 में शराब की अच्छी आय प्राप्त हुई। बिक्री में थोड़ी गिरावट आई, लेकिन दरों में की गई बढ़ोत्तरी से आय में कमी नहीं आई। अप्रैल 2020 से मार्च 2021 तक 27.28 करोड़ शराब की बिक्री हुई। इनमें सबसे ज्यादा बिक्री दिसंबर में हुई। इस महीने में 2,765.5 करोड़ की शराब डिपो से आपूर्ति की गई।