हैदराबाद: कृष्णा वॉटर बोर्ड ने श्रीशैलम और नागार्जुन सागर परियोजनाओं से आंध्र प्रदेश को 23.68 टीएमसी और तेलंगाना को 88.82 टीएमसी पानी का उपयोग करने की अनुमति दी है। इसके लिए केआरएमबी सदस्य सचिव डीएम रायपुरे ने पानी छोड़ने का आदेश जारी किया है। बोर्ड ने बारिश के मौसम में 15 दिसंबर तक इतनी मात्रा में पानी का उपयोग करने की मंजूरी दी है।
बोर्ड के रिलीज के आदेश में कहा गया है कि इस साल नवंबर के अंत तक 212.43 टीएमसी उपयोग किया गया है। तेलंगाना केवल 81.85 टीएमसी का उपयोग कर पाई है। आंध्र प्रदेश अकेले पोतिरेड्डीपाडु हेड रेगुलेटर से लिए गए पानी की तुलना में तेलंगाना ने सभी आउटलेट्स से 18 टीएमसी से कम पानी का इस्तेमाल किया। कुल मिलाकर बोर्ड ने 15 दिसंबर तक एपी 236.13 टीएमसी और तेलंगाना 170.67 टीएमसी पानी के उपयोग करने की अनुमति दी है।
इसमें एपी ने पोतिरेड्डीपाडु से 5.22 टीएमसी, हंद्रीनीवा और मुच्चुमर्री लिफ्ट परियोजनाओं के जरिए 4.14 टीएमसी, नागार्जुनसागर दाहिनी नहर में 11.77 टीएमसी और बाईं नहर में 2.55 टीएमसी लेने की अनुमित दी है। तेलंगाना को कलवकुर्ती लिफ्ट परियोजना से 22.57 टीएमसी, सागर बायीं नहर से 33.66 टीएमसी, एएमएमआर एसएलबीसी से 23.89 टीएमसी और हैदराबाद पेजयजल के लिए 8.70 टीएमसी पीने के पानी लेने की अनुमति दी गई है।
बोर्ड की अनुमित दिये जाने के बाद एपी ने 236 टीएमसी का इस्तेमाल किया। तेलंगाना को 170 टीएमसी इस्तेमाल करने की हरी झंडी दी, लेकिन उसने 100 टीएमसी भी नहीं ली है। एपी कृष्णा डेल्टा सिस्टम के तहत इस्तेमाल किये गये 182 टीएमसी पानी का रिलीज ऑर्डर में उल्लेख नहीं किया है।
एपी ने बोर्ड को केडीएस आउटलेट को पानी की आवश्यकता के बारे में मांगपत्र भी नहीं भेजा है। सभी परियोजनाओं के अधिशेष पानी के दिनों में एपी ने पोतिरेड्डीपाडु से 5 हजार क्यूसेक के हिसाब से पानी लिये जाने का उल्लेख किया है। तेलंगाना ने तीन सदस्यीय समिति में इसका विरोध किया। मगर बोर्ड ने अब तक इस पर कोई फैसला नहीं लिया है।