हैदराबाद: केंद्रीय हिंदी संस्थान, हैदराबाद केंद्र पर आंध्र प्रदेश राज्य के गुरुकुल विद्यालयों के हिंदी अध्यापकों के प्रशिक्षण के लिए आयोजित 463वें नवीकरण पाठ्यक्रम का उद्घाटन समारोह सोमवार को संपन्न हुआ। उद्घाटन समारोह की अध्यक्षता केंद्रीय हिंदी संस्थान, आगरा के निदेशक प्रो. सुनील बाबुराव कुलकर्णी ने की। मुख्य अतिथि के रूप में हैदराबाद विश्वविद्यालय, हैदराबाद की पूर्व हिंदी विभागाध्यक्ष प्रो. शशि मुदिराज, उपस्थित थीं। केंद्रीय हिंदी संस्थान, हैदराबाद केंद्र के क्षेत्रीय निदेशक डॉ. गंगाधर वानोडे इस नवीकरण पाठ्यक्रम के संयोजक हैं।
उद्घाटन समारोह की शुरुआत दीप प्रज्वलन एवं सरस्वती वंदना से हुई। केंद्रीय हिंदी संस्थान, हैदराबाद केंद्र द्वारा संस्थान गीत एवं स्वागत गीत सुनाया गया। क्षेत्रीय निदेशक डॉ. गंगाधर वानोडे ने अतिथियों का स्वागत किया एवं अतिथियों का परिचय दिया। साथ ही संस्थान तथा पाठ्यक्रम से संबंधित विस्तृत जानकारी दी।
आंध्र प्रदेश राज्य के गुरुकुल विद्यालय के हिंदी अध्यापिका श्रीमती चाँद बेगम ने अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि हमारे पाठ्यक्रम जो बहुत कठिन है उसका निवारण नवीकरण पाठ्यक्रम के दौरान होगा ऐसा मेरा विश्वास है। इसके साथ-साथ पाठ्य-पुस्तक पढ़ाते समय आनेवाली समस्याओं का समाधान करने का निवेदन किया। हिंदी अध्यापक श्री अब्दुल खादर ने हिंदी अध्यापकों की समस्याओं को सामने रखते हुए कहा कि आंध्र प्रदेश में छठी कक्षा से हिंदी वर्णमाला सिखाई जाती है, जिससे छात्रों को कम समय में अधिक जानकारी देनी होती है। साथ ही इस वर्ष कक्षा 9 वीं के पाठ्यक्रम में बदलाव किया गया है जो बहुत कठिन है जो हिंदीतर क्षेत्र के छात्रों के क्षमता के ऊपर है। कक्षा 9 वीं पाठ बहुत लंबे एवं उनकी शब्द संरचना को सरलता से कैसे पढ़ाना चाहिए इसके लिए उन्होंने निवेदन किया है।
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मुख्य अतिथि प्रो. शशि मुदिराज ने अपने आशीर्वचन में कहा कि केंद्रीय हिंदी संस्थान अध्ययन-अध्यापन के क्षेत्र में देश में नहीं तो विश्व की सबसे बड़ी संस्था है। सन् 1979 ई. में केंद्रीय विश्वविद्यालय हैदराबाद में अध्यापकों के लिए आयोजित भाषाविज्ञान एवं भाषाशिक्षण की कार्यशाला का महत्व बताते हुए केंद्रीय हिंदी संस्थान की सराहना की। उन्होंने आगे कहा कि भाषा संस्कृति की वाहक होती है। जब तक हम संस्कृति से परिचित नहीं होते तब तक उस भाषा के प्रति न्याय नहीं कर पायेंगे। भाषा ही संस्कृति की कुंजी है और भाषा को सीखना है संस्कृति को सीखना होता है इस बात पर बल देते हुए उन्होंने अध्यापन में भाषा और संस्कृति को पढ़ाना समय की आवश्यकता है कहकर सभी को उज्जवल भविष्य की कामना की।
आंध्र प्रदेश राज्य के गुरुकुल विद्यालयों के हिंदी अध्यापकों ने उद्घाटन समारोह में उत्साहपूर्वक भाग लिया और श्री चंद्रशेखर ने दोहे और चौपाइयों का सस्वर गायन किया और श्री अब्दुल खादर ने ‘आज से पहले आज से ज्यादा’ फिल्मी गीत गाकर सभी का मन मोह लिया। इस नवीकरण पाठ्यक्रम में कुल 43 हिंदी अध्यापकों ने पंजीकरण किया है।
कार्यक्रम का सफल संचालन केंद्र के अतिथि अध्यापक डॉ. साईनाथ विट्ठल चपले द्वारा किया गया। केंद्रीय हिंदी संस्थान, हैदराबाद केंद्र की सदस्या डॉ. एस. राधा ने धन्यवाद ज्ञापन प्रस्तुत किया। क्षेत्रीय निदेशक डॉ. गंगाधर वानोडे के नेतृत्व में यह नवीकरण पाठ्यक्रम आगामी 29 सितंबर तक प्रातः 9.30 बजे से शाम 5.30 बजे तक नियमित रूप से चलेगा।