हैदराबाद : तेलंगाना आंदोलन के जनक कालोजी नारायण राव की 107वीं जयंती के अवसर पर शुक्रवार को डॉ बीआर अंबेडकर ओपन यूनिवर्सिटी में एक स्मारक व्याख्यान आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम में कीर्ति पुरस्कार प्राप्तकर्ता नागील्ला रामशास्त्री मुख्य अतिथि के रूप में भाग लिया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि कालोजी नारायण राव सामने हो रही गई गलतियों को बिना किसी झिझक के आलोचना करते हुए तेलंगाना के लोगों को जागरूक किया है।
रामशास्त्री ने कलोजी के साथ अपने संबंध, कालोजी की जीवनी, उनके लेखन, उनके द्वारा इस्तेमाल की गई भाषा, मुहावरों और अंशों को याद किया। साथ ही कहा कि कालोजी के सामने हो रही घटनाओं के प्रति उनके उनके दिमाग में क्या चल रहा है तुरंत बताते थे। चाहे वह प्रशंसा करने वाली हो या आलोचना करने वाली हो निडर होकर बताते थे। तेलंगाना के लोगों की भाषा को कोलोजी ने अपने लेखन, निबंध और कविता में वर्णन किया है। उपनिवेशवादियों की ओर से फिल्मों में तेलंगाना की भाषा को गलत तरीके से पेश करने पर कालोजी उसका कड़ा विरोध करते आये है।
कार्यक्रम के अध्यक्ष और विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो के सीताराम राव ने कहा कि पृथक तेलंगाना के लिए संघर्ष करने वालों में कालोजी सबसे आगे रहे हैं। याद दिलाया कि तेलंगाना की भाषा, तेलंगाना की बोली और तेलंगाना अलग राज्य के गठन पर हमेशा उनका ध्यान केंद्रित था। कालोजी की रचनाएं तेलंगाना आंदोलन में एक रामबाण की तरह कार्य किया है।
कार्यक्रम के आत्मीय अतिथि और संकाय के निदेशक प्रोफेसर ई सुधाराणी ने कहा कि कालोजी की जीवनी और रचनाओं को भावी पीढ़ी को अवगत कराने में विश्वविद्यालय कोई कसर नहीं छोड़ेंगी। इस कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के कुल सचिव डॉ जी लक्ष्मा रेड्डी ने धन्यवाद ज्ञापन दिया। इससे पहले सभी ने कालोजी के फोटो पर फूलमालाएं अर्पित करके श्रद्धांजलि दी। कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के सभी कर्मचारी उपस्थित थे।