हैदराबाद : शहर में साइबर अपराधों की संख्या में पिछले कुछ समय से काफी बढ़ोत्तरी हो गई है। पुलिस अनेक प्रकार के सख्त कदम उठाने बाद भी लोगों की लालसा और मासूमियत के कारण साइबर अपराधी लगातार नए-नए तरीकों से लोगों को अपने जाल में फांस रहे हैं। यह जानकर आप चकित रह जाएंगे कि पिछले छह सालों में महानगर के लोगों को साइबर घोटालों का कितना नुकसान हुआ है। हर दिन 2,13,49,092 रुपये, हर महीने 64,04,72,775 रुपये, हर साल 7,68,56,73,302 और छह साल में 46,11,40,39,817 रुपये साइबर अपराधियों ने लूट लिये हैं। 2015-2020 के बीच छह वर्षों में 9,101 धोखाधड़ी के मामलों में हैदराबाद के लोग 4611,40,39,817 खोये हैं।
अधिकारियों ने बताया कि लोगों की लालसा, मासूमियत और भरोसा को लक्ष्य कर साइबर अपराधी घोटालों को अंजाम दे रहे हैं। साइबर घोटाले करने वाले अपराधियों के पकड़े जाने की संभावना बहुत कम होती है। आम जनता को यह स्पष्ट पता नहीं है साइबर अपराध के बारे में किसके पास शिकायत किया जाये। साथ ही स्थानीय पुलिस की ओर से कोई उचित प्रतिक्रिया नहीं मिलने के कारण अनेक मामले दर्ज भी नहीं किये जा रहे हैं। आरोप है कि एफआईआर दर्ज होने पर भी उसकी ठीक से जांच नहीं हो रही है। आधे से ज्यादा साइबर घोटाले पुलिस के पास नहीं आ रहे हैं। जो भी आ रहे हैं वो अनसुलझे रह जा रहे हैं। यदि साइबर धोखाधड़ी में कोई पैसा खो जाते है तो इसे वापस पाना असंभव है। कभी-कभी हैदराबाद पुलिस दोषियों को पकड़ती और पैसा भी वसूल करती है। मगर यह रकम बहुत कम होती है।
साइबर अपराधियों की हाल ही में वृद्धि और वित्तीय अपराधों के कारण लोगों के अधिक नुकसान को देखते हुए पुलिस कई उपाय किये हैं। जहां एक ओर जनता को साइबर अपराध के बारे में जागरूक करते हुए प्राथमिक जांच अधिकारियों को कौशलता के बारे में सिखाया जा रहा है। केंद्रीय अपराध स्टेशन (सीसीएस) के अधिकारियों को साइबर और आर्थिक अपराध जांच पर प्रशिक्षित के साथ आवश्यक तकनीक प्रदान कर रही है। गंभीर अपराधों की सूचना आयकर विभाग के साथ-साथ प्रवर्तन निदेशालय को भी दी जा रही है।