हैदराबाद: आर्य कन्या विद्यालय हाई स्कूल (देवीदीन बाग, सुल्तान बाजार, हैदराबाद) मुक्ति दिवस धूमधाम से मनाया गया। इस अवसर पर विद्यालय के संचालक समिति के मंत्री सोमनाथ ने अपने संबोधन से शुरुआत की और कहा कि हैदराबाद मुक्ति संग्राम में कई बलिदानों के बाद ही मुक्ति मिली। उन्होंने बताया कि आंदोलनकारियों किस तरह से यातनाएं दी गई और कैसे-कैसे कष्ट झेलने पड़ा था। निज़ाम सरकार ने एक मुस्लिम पत्रकार और सम्पादक शोएबल्ला खान के उनके खिलाफ लिखने वालों के हाथों को कैसे काट दिए। इस विषम परिस्थितियों में भी एक निर्भीक युवा आर्य सत्यनारायण मुल्की ने उस समय के कैमरे से फोटोज लेकर तत्कालीन भारत सरकार के प्रधानमंत्री तथा गृहमंत्री को भेज कर इस अराजतकता के बारे में विस्तार से सूचित किया।
डॉ प्रताप रूद्र ने बताया कि उनके पिता एम पी गणेश राव ने हनुमान व्यायाम शाला की स्थापना किस तरह से की और निजाम की हुकूमत से लड़ने और प्रतिशोध लेने के लिए 30-40 नौजवानों ने मिलकर व्यायाम शाला में अपने आपको सुदृढ़ कर निजाम से सीधा ही लोहा लिया। श्रीमती सरिता तिवारी ने बताया कि कैसे पंडित प्रशांत कुमार तिवारी (उर्फ श्री लक्ष्मण दास तिवारी) ने कैसे-कैसे कठिन कार्य किये और बीदर जेल में निजाम शासन ने बंदी बनाकर रखा और यातनाएं दी। उन्होंने अध्ययन हेतु दिल्ली, अमृतसर और लाहौर में पढ़ाई की और लातूर में आकर बस गए थे तथा कार्य क्षेत्र बनाया।
श्रीमती अमिता रेड्डी ने निजाम शासन और रजाकारों को उनके परिवार ने कैसे-कैसे असहनीय कष्ट और यातनाएं दी। दिन में निज़ाम की सेना और पुलिस इन्हें लुटती सताती तथा रात में रजाकारों का उत्पीड़न सहना पड़ता था। वह भी लूटने सताते और इस तरह 24 घंटे परेशान करते। इसी से परेशान होकर गांव के गांव घर-दार छोड़कर पड़ोस के राज्यों में शरण लेने को मजबूर हुए। उनके दादा को रजाकरो और निजाम की पुलिस ने बंदूक का निशाना बनाया।
पण्डित गंगाराम स्मारक मंच के चेयरमैन भक्त राम ने देवीदीन बाग को एक पुण्य भूमि बताते हुए कहा कि कैसे यहां से आर्य सम्मेलन, विचार विमर्श, शास्त्रार्थ आदि हुआ करते थे। पंडित दत्तात्रेय प्रसाद एडवोकेट के साथ मिलकर पंडित गंगाराम, ए बालरेड्डी, सोहनलाल आदि ने आर्यन डिफेंस लीग की स्थापना की थी और 22 सत्याग्रही जत्थों ने भाग लिया और निजाम सरकार को ललकारा गया। इस सफलता के चलते सार्वदेशिक आर्य प्रतिनिधि सभा ने भी भरपूर समर्थन दिया और उनके नेतृत्व में सात सत्याग्रह हुए तथा आठवां सत्याग्रह जत्था अहमदनगर से निकलने के तैयार हो गया था तो निजाम ने आर्य समाज की पूरी मांगे मान ली और सत्याग्रह इस तरह सफल हुआ।
वक्ताओं के संचालन समिति के कोषाध्यक्ष प्रदीप जाजू, मुख्य अध्यापिका श्रीमती उमा तिवारी, श्रीमती धनलक्ष्मी, श्रीमती सुधारानी, श्रीमती पद्मा, श्रीमती चित्रा, श्रीमती मालिनी और विद्यार्थियों ने कार्यक्रम में भाग लिया। शांति पाठ के साथ कार्यक्रम संपन्न हुआ।