हैदराबाद : कुछ भी और कोई भी बात समझाने में मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव के बाद ही सभी आते हैं। उनके भाषण की शैली, किसी का परिचय देना, बीच-बीच में हंसी-मजाक करते हुए समझाते रहते हैं। रविवार को सिद्दीपेट में जिलाधीश कार्यालय के उद्घाटन के बाद सीएम द्वारा दिए गए भाषण में हंसी का ठिकाना नहीं रहा। इस दौरान केसीआर ने उन्हें कोरोना कैसे हुआ और उसके संक्रमण की प्रक्रिया के बारे में विस्तार से बताये।
केसीआर ने कहा, “मैं एक शादी समारोह में भाग लेने गया था। वहां पर दूल्हे ने मास्क हटाने का आग्रह किया। मैंने दुल्हे से कहा कि इसकी क्या जरूरत हैं। उसने कहा कि सर आप भविष्य में कभी मिलेंगे या नहीं पता नहीं। आपका एक फोटो लेकर अलबम में रख लेता हूं। मैंने फिर दूल्हे से कहा कि मैं आपको मिलूंगा या नहीं पता नहीं। मगर कोरोना को जरूर मैं जरूर मिल जाऊंगा। इस तरह उससे और इससे लगते-लगते कोरोना मुझे भी आकर चिपक गया।”
इस तरह केसीआर कोरोना होने के अपने अनुभव का वर्णन करते हुए बताते गये। यह सब सुनकर लोग हंसी को रोक नहीं पाये। इस दौरान केसीआर ने सभी को कोरोना के नियमों का पालन करने की सलाह दी।
इसी बीच सिद्दीपेट जिलाधीश पी वेंकटरामी रेड्डी और कामारेड्डी कलेक्टर शरत ने मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव (केसीआर) के पैर पड़े हैं। रविवार को केसीआर ने सिद्दीपेट में नये जिलाधीश कार्यालय का उद्घाटन किया। इसके बाद केसीआर ने जिलाधीश को कुर्सी पर बिठाकर वेंकटरामी रेड्डी को बधाई दी। इस दौरान जिलाधीश ने उठकर सीएम केसीआर के पैर पड़े। इसके बाद अपनी पत्नी और बच्चों को सीएम से परिचय करवाया। वे भी केसीआर के पैर पड़े।
इसके बाद सीएम केसीआर कामारेड्डी में जिलाधीश भवन के उद्घाटन कार्यक्रम में भाग लिया। भवन के उद्घाटन करने के बाद सीएम कलेक्टर चैंबर गये। चैंबर में कलेक्टर शरत ने अपनी सीट पर बैठने से पहले सीएम केसीआर के पैर पड़े। इस टीवी कार्यक्रमों का सीधा प्रसारण देख रहे लोग आश्चर्य व्यक्त करते हुए कहा कि आईएएस अधिकारी एक नेता के पैर कैसे पड़ सकते हैं।