तेलंगाना की राजनीति में हड़कंप मचा रही है क्रांतिकारी कवि गद्दर की व्यवहारशैली, क्यों चिपक रहे हैं राजनीतिक दलों से

हैदराबाद: जन नाट्य मंडली के व्यवस्थापक, क्रांतिकारी कवि, गीतकार, गायक और अभिनेता गद्दर की व्यवहारशैली इन दिनों तेलंगाना की राजनीति में हड़कंप मचा रही है। एक जमाने में अपनी आवाज से क्रांतिकारी विचारधारा का प्रचार-प्रसार करने वाले गद्दर कुछ साल पहले क्रांतिकारी आंदोलन छोड़ दिया और लाल ध्वज की जगह बौद्ध पंचशील ध्वज लेकर चल पड़े थे।

इसी क्रम में अब वो जिस तरह से राजनीतिक दलों से चिपक रहे हैं, उससे तेलंगाना की राजनीतिक गलियारों में हड़कंप मचा दिया है। हाल ही में भाजपा की लगातार बैठकों में शामिल हुए गद्दर अचानक मंगलवार को गांधी भवन में प्रकट हो गये। इस समय तेलंगाना की राजनीति में चर्चा का विषय बना है।

आपको बता दें कि सोनिया गांधी के खिलाफ नेशनल हेराल्ड मामले की ईडी की जांच के विरोध में कांग्रेसी नेताओं ने गांधी भवन में सत्याग्रह आंदोलन शुरू किया। इस सत्याग्रह आंदोलन में गद्दर ने भी भाग लिया और संबोधित किया। इस मौके पर गद्दर की ओर से की गई टिप्पणी चर्चा का विषय बन गया है। गद्दर ने कहा कि पृथक तेलंगाना गठन में सोनिया गांधी की अहम भूमिका रही है। गद्दर ने कहा कि सोनिया गांधी को अनावश्यक परेशान किया जा रहा है। बीमार सोनिया को बार-बार ईडी के सामने बुलाये जाने पर गद्दर ने नाराजगी जताई।

गद्दर ने कांग्रेस पार्टी के नेताओं को सुझाव दिया कि वे लोगों को बताएं कि सोनिया गांधी को किस तरह से परेशान किया जा रहा है। कांग्रेस के नेताओं को अब गांवों में जाकर सोनिया गांधी के बारे में लोगों को बताना चाहिए। गद्दर ने कहा कि लोकतांत्रिक व्यवस्था में विपक्ष को जीवत रहना जरूरी है। सोनिया गांधी को परेशानी में करने वाले मामले में हमें लोगों के पास जाने के अलावा कोई विकल्प नहीं है। उन्होंने कहा कि संसदीय लोकतंत्र में विपक्ष का जिंदा रहना जरूरी है। गद्दर ने कांग्रेसी नेताओं को सलाह दी कि वे गांवों में जाये और प्रचार करें कि सोनिया गांधी मुश्किल में हैं।

राजनीतिक दलों की बैठकों में गद्दर का बार-बार आना/दिखाई देना तेलंगाना की राजनीति में चर्चा का विषय बनता जा रहा है। पिछले मई में कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय नेता राहुल गांधी की तेलंगाना दौरे के दौरान गद्दर ने राहुल गांधी से मुलाकात की थी। कांग्रेस द्वारा घोषित वरंगल घोषणापत्र के दौरान भी गद्दर को आमंत्रित किया गया था। राहुल गांधी को अपना पोता बताने वाले गद्दर की टिप्पणी उस समय वायरल हो गई थी।

उसके कुछ दिन बाद तेलंगाना बीजेपी के अध्यक्ष बंडी संजय की प्रजा संग्राम यात्रा के दूसरे चरण की समापन सभा तुक्कुगुडा में हुई भी। बीजेपी ने कहा कि इस विशाल आम सभा में दस लाख लोगों ने भाग लिया। बैठक में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह शामिल हुए थे। इस सभा में भी गद्दर के प्रकट हो जाने से हड़कंप मच गया था। करीब एक घंटे तक गद्दर वहीं पर रुके। इसके बाद हवाईअड्डे पर गये और केंद्रीय मंत्री अमित शाह से मुलाकात की।

गद्दर ने उस मुलाकात के बारे में बताया कि क्रांतिकारी आंदोलन के दौरान विभिन्न राज्यों में दर्ज मामलों को वापस लेने का एक ज्ञापन पत्र अमित शाह को दिया। जुलाई के पहले सप्ताह में सिकंदराबाद में आयोजित मोदी की विजय संकल्प सभा में भी भाग लेकर गद्दर ने एक बार फिर सबको चौंका दिया। इस पर गद्दर का बयान कि वह पीएम मोदी से मिलने आये हैं। यह बात सर्वत्र चर्चा का विषय बन गया था। उसके बाद सब कुछ खामोश हो गया जैसा लग रहा था। आज फिर कांग्रेस पार्टी की सत्याग्रह आंदोलन में गद्दर के भाग लेना एक बार फिर चर्चा का विषय बन गया। गद्दर को लेकर राजनीतिक गलियारों में तरह-तरह के कयास लगाए जा रहे हैं।

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