हैदराबाद : संयुक्त किसान मोर्चा के प्रमुख राकेश टिकैत ने कहा कि यह दुख की बात है कि आजादी के 75 साल बाद भी आदिवासियों और किसानों को अपने अधिकारों के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है। तीन कृषि कानूनों के साथ बिजली संशोधन विधेयक को निरस्त करने और परती भूमि के मुद्दे पर किसान आंदोलन की शुरुआत के एक साल पूरे होने के उपलक्ष्य में हैदराबाद में महाधरना आयोजित किया गया। इस महाधरना कार्यक्रम में राकेश टिकैत ने भाग लिया। उन्होंने आगे कहा कि किसान, श्रमिक, आदिवासी और महिलाओं द्वारा एक साल से अधिक समय तक राष्ट्रीय राजधानी की नाकेबंदी की गई है। मगर सत्ता पर बैठे नेताओं को दिखाई नहीं दे रहा है।
यह बड़ी कंपनियों की सरकार है
किसान नेता ने कहा, “देश में जो सरकार सत्ता में है वह एक पार्टी की सरकार नहीं है। यह मोदी सरकार नहीं है… बड़ी कंपनियों की सरकार है। इस सरकार को बड़ी कंपनियां चलाती है। उनके सुझाव के अनुसार यह सरकार बात करती है। यदि एक दल की सरकार होती, तो वह आंदोलन में शामिल किसानों और आदिवासियों से वार्ता करती। केंद्र के साथ बारह दौर की बातचीत हुई, लेकिन कोई भी नतीजा निकल नहीं आया है। नेताओं से जब भी कुछ पूछा गया तो वो उसके जवाब के लिए कमरों में गये। वह कमरा सीधे प्रधानमंत्री कार्यालय से जुड़ा हुआ था। पीएमओ का नागपुर स्थित आरएसएस कार्यालय से लिंक है। यह केवल वही प्रश्न पूछते हैं जो वो लिखकर देते हैं।”
विरोध प्रदर्शन बंद नहीं
टिकैत ने कहा, “देश में कैमरे के साथ कलम (मीडिया) पर बंदूक रखकर धमकाया जा रहा है। देश के सभी सरकारी संस्थानों पर कब्जा कर लिया गया। इन पर सवाल उठाने के लिए ही संयुक्त मोर्चा का गठन किया गया है। लेकिन अलग-अलग नाम देकर हमारे नेताओं को बांटने की कोशिश की गई है। संयुक्त मोर्चा के नेताओं को विभाजित करके भाजपा में शामिल कर लेने की भी कोशिश की गई। आंदोलनकारियों को सरकार में शामिल कर लेने की साजिश भी रची गई। तीन कृषि कानूनों को संसद में निरस्त किये जाने तक हम आंदोलन को जारी रखेंगे। जब तक न्यूनतम समर्थन मूल्य को वैध नहीं कर दिया जाता, हम विरोध प्रदर्शन बंद नहीं करेंगे। संयुक्त किसान मोर्चा देश के हर मुद्दे को उठाने को तैयार है। झंडे या एजेंडा की परवाह किये बिना, हम किसी के भी बुलाने पर आएंगे और सबके सामने खड़े होकर अधिकारों के लिए लड़ेंगे।”
टीआरएस सरकार यहां के किसानों को मदद करें
किसान नेता ने कहा, “तेलंगाना से एक पार्टी बीजेपी को सपोर्ट कर रही है। उसे नियंत्रित करने की जरूरत है। वह कहते एक और करते दूसरा। वे भाजपा के लिए ए टीम और बी टीम बन गये हैं। उनके बारे में पूरा देश जानता है। हम यहां की सरकार से एक जरूर बात कह रहे हैं। दिल्ली की सीमा पर हुए आंदोलन में शहीद किसानों के परिवार को मुख्यमंत्री केसीआर तीन लाख देने की घोषणा की है। टीआरएस सरकार को यहां के किसानों को भी उसी तरह मदद करनी चाहिए।”