हैदराबाद : तुर्की और सीरिया में भूकंप से भारी तबाई हुई है। तुर्की और सीरिया में भूकंप से मरने वालों का आकंड़ा लगातार बढ़ता जा रहा है। भूकंप से अब तक 21 हजार से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है। जैसे-जैसे मलबे के ढेर हटाए जा रहे हैं उनके नीचे से लाशें निकल रही हैं। वहीं मौसम के कारण रेस्क्यू ऑपरेशन में भी भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। रात के समय तामपान शून्य से नीचे जाने के कारण राहत कार्य रोकना तक पड़ रहा है।
तुर्की और सीरिया में आए विनाशकारी भूकंप से प्रभावितों की मदद के लिए दुनिया के कई देश सामने आए हैं। अब तक 70 से अधिक देश इसके लिए आगे आए हैं। वर्ल्ड बैंक ने तुर्की को 1.78 बिलियन डॉलर देने का ऐलान किया है। कई देशों ने राहत सामग्री भी इन देशों में भेजी है। अमेरिका ने भी दोनों देशों को 85 मिलियन डॉलर की आर्थिक मदद देने का ऐलान किया है।
‘ऑपरेशन दोस्त’
इसी क्रम में तुर्की और सीरिया की मदद के लिए भारत ने ‘ऑपरेशन दोस्त’ अभियान चलाया है। भारत से एनडीआरएफ की 3 टीमें रेस्क्यू ऑपरेशन के लिए तुर्की पहुंची हैं। एनडीआरएफ के महानिदेशक अतुल करवाल ने बताया कि भारत ने तुर्की को चार विमान भेजे हैं, जिनमें से दो में एनडीआरएफ की टीमें हैं और दो सी-17 में मेडिकल टीमें हैं। उन्होंने बताया कि हमने चिकित्सा आपूर्ति और उपकरणों के साथ एक सी-130 विमान भी सीरिया भेजा है।
बता दें कि तुर्की में 6 फरवरी को सुबह 4.17 बजे 8.7 तीव्रता का भूकंप आया था। इसके बाद भी कई झटके और लगे। भूकंप का केंद्र दक्षिणी तुर्की का गाजियांटेप था। हालांकि इसकी तीव्रता इतनी अधिक थी कि इसका असर सीरिया में भी देखने को मिला। जैसे-जैसे रेस्क्यू ऑपरेशन आगे बढ़ रहा है वैसे मौत का आंकड़ा भी तेजी से बढ़ रहा है। मलबे के ढेर से लाशों के निकलने का सिलसिला अभी भी जारी है। (एजेंसियां)