अमरावती : आंध्र प्रदेश के एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने सोमवार को कहा कि गुजरात के मुंद्रा बंदरगाह से जब्त की गई हेरोइन की बड़ी खेप आंध्र के विजयवाड़ा नहीं, बल्कि दिल्ली पहुंचाई जानी थी। विजयवाड़ा के पुलिस आयुक्त बी श्रीनिवासुलु का स्पष्टीकरण उन खबरों के बीच आया है, जिनमें कहा गया है कि शहर की एक फर्म पर ड्रग बरामदगी के संबंध में राजस्व खुफिया निदेशालय (डीआरआई) द्वारा जांच की जा रही है।
डीआरआई ने बुधवार को मुंद्रा बंदरगाह पर कथित तौर पर 2,000 करोड़ रुपये के अनुमानित 2,988.22 किलोग्राम प्रतिबंधित पदार्थ जब्त किया। प्रतिबंधित टैल्क स्टोन पाउडर के साथ मिश्रित किया गया था और दो कंटेनरों में पैक किया गया था। यह खेप अफगानिस्तान से आई और ईरान के बंदर अब्बास बंदरगाह से गुजरात भेज दी गई। माल के लिए इस्तेमाल किया गया जीएसटी नंबर कथित तौर पर विजयवाड़ा में पंजीकृत एक कंपनी का है। इसका कार्यालय सत्यनारायणपुरम के गड़ियारामवारी स्ट्रीट पर है।
पुलिस आयुक्त ने कहा कि जांच एजेंसियों से सत्यापन करने पर पता चला है कि चेन्नई निवासी गोविंदराजू दुर्गा पूर्ण वैशाली ने अगस्त 2020 में डी नंबर 23-14-16 सत्यनारायणपुरम के पते पर जीएसटी पंजीकरण कराया था। चेन्नई निवासी मचावरम सुधाकर वैशाली के पति हैं। इमारत का स्वामित्व वैशाली की मां गोविंदराजू के पास है।
श्रीनिवासुलु ने आगे कहा कि यह पता चला है कि वैशाली ने निर्यात और आयात उद्देश्य के लिए विदेश व्यापार महानिदेशक (डीजीएफटी) से आयात और निर्यात लाइसेंस (आईईसी कोड) लिया है। यह भी पता चला है कि सुधाकर और वैशाली दोनों पिछले कई सालों से चेन्नई में रह रहे हैं।
पुलिस आयुक्त ने कहा कि टैल्कम पाउडर की आड़ में तस्करी की गई हेरोइन जो मुंद्रा पोर्ट पर उतरी। इसे दिल्ली पहुंचाने का इरादा रहा है। लेकिन विजयवाड़ा नहीं। जैसा कि मीडिया आरोप लगाया गया है। अब तक लाइसेंस प्राप्त करने के लिए विजयवाड़ा घर के पते का उपयोग करने के अलावा कोई गतिविधि नोटिस में नहीं आई है। हालांकि आगे की पूछताछ की जा रही है। इस मामले को लेकर जांच एजेंसियों ने अहमदाबाद, दिल्ली और चेन्नई आदि में छापेमारी की है।