अमरावती : आंध्र प्रदेश में कोरोना के कारण मारे गये लोगों के शवों का सम्मानजनक तरीके से अंतिम संस्कार नहीं किया जा रहा है। कोरोना महामारी के कारण इंसानों में बसी इंसानियत भी मर रही है। कोरोना वायरस से मरने वालों की हालत काफी दयनीय है।
हाल ही में कोरोना से मारे गये मृतकों के शव को कूड़े के वाहन में श्मशान वाटिका ले जाने की अमानवीय घटना पूर्वी गोदावरी जिले में प्रकाश में आई है। प्लास्टिक के कवर में सील किए गए चारों शवों को नगरपालिका के कचरे के वाहन में श्मशान वाटिका ले जाया गया।
यह घटना शुक्रवार को काकीनाडा शहर में प्रकाश आई है। मगर इससे जुड़ी तस्वीरें शनिवार को सोशल मीडिया पर वायरल हो गईं। इस घटना के चलते अधिकारियों की रवैये की कड़ी आलोचना की जा रही है।
इस घटना पर काकीनाडा नगर निगम आयुक्त स्वप्निल दिनकर ने सफाई दी। उन्होंने कहा कि चारों की कोरोना से मृत्यु हो गई थी। कोई भी इन शवों को ले जाने के लिए आगे नहीं आये। इसके चलते जीजीएच अधिकारियों के आग्रह पर अंतिम संस्कार करने की अनुमति दी गई। मगर शवों को कचरे के वाहन में ले जाने का मामला उनके संज्ञान में नहीं आया है।
इस बारे में जीजीएच अधीक्षक महालक्ष्मी ने स्पष्टीकरण में कहा, “अस्पताल में जो भी रोगी मर जाता है तो शवों को महाप्रस्थान वाहन में भेज दिया जाएगा। उन्होंने स्पष्ट किया कि इस घटना की जांच कराई जाएगी और जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्रवाई भी की जाएगी।”