तेलंगाना विधानसभा चुनाव: सर्वेक्षण कर रहे हैं इस पार्टी की जीत का दावा, उसके पास हैं ये सबसे बड़े हथियार

तेलंगाना में विधानसभा चुनाव नजदीक आ रहे हैं। बीआरएस तीसरी बार सत्ता में आने के लिए हरसंभव कोशिश कर रही है। वहीं, कांग्रेस एक विशेष रणनीति तहत सीएम केसीआर को पद से हटाने और तेलंगाना देने वाली पार्टी के रूप में सार्वजनिक क्षेत्र में प्रवेश करने की योजना बनाई है। कांग्रेस नेता किसी भी छोटे अवसर को सुनहरे अवसर में बदल रहे हैं। कर्नाटक चुनाव में कांग्रेस की जीत के बाद तेलंगाना में हालात अचानक बदल गये हैं।

ऐसा दृश्य बना रही है मानो वह (कांग्रेस) सत्ता में आ गई है। कुछ सर्वेक्षण भी यही बता रहे है कि जब भी चुनाव होते हैं, तो कांग्रेस पार्टी की जीत होगी। इससे पार्टी के नेता और कार्यकर्ताओं में अति उत्साह दिखाई दे रहा हैं। इसके साथ ही दिल्ली मंच पर भी रणनीति के हथियार तैयार किये जा रहे हैं। कांग्रेस ने भावुक और आकर्षक घोषणापत्र के साथ तेलंगाना की जनता को आकर्षित करने का फैसला किया है। सत्तारूढ़ बीआरएस के खिलाफ कांग्रेस पार्टी किस तरह के हथियारों का इस्तेमाल करने जा रही है? सोनिया गांधी तेलंगाना की जनता को कैसे-कैसे वरदान देने वाली हैं? आइए इस विशेष लेख में जानते हैं कुछ दिलचस्प बातें।

भले ही कांग्रेस पार्टी को तेलंगाना देने वाली पार्टी के रूप में जाना जाता है, लेकिन दो चुनावों में भी उसे हार का सामना करना पड़ा! इसके अलावा, चुनाव जीतने वाले कुछ विधायक सत्ताधारी पार्टी में शामिल हो गये और स्थानीय निकाय चुनावों में भी उसे हार का सामना करना पड़ा है। इसलिए पार्टी के लिए स्थिति कुछ कठिन होती दिखाई दे रही थी, लेकिन जब कर्नाटक में कांग्रेस की अप्रत्याशित रूप से सीटें जीतीं तो तेलंगाना में दृश्य अचानक बदल गया। कांग्रेस पार्टी में ऐसा जोश भर गया कि पहले कभी देखा नहीं गया। कांग्रेस पार्टी अब तीसरी बार विधानसभा चुनाव का सामना कर रही है। यह चुनाव कांग्रेस के लिए जीवन-मरण का सवाल बन गया है। राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि अब स्थिति कांग्रेस के लिए सकारात्मक हो गई है। अगर इस बार वह नहीं जीते तो उसका भविष्य में अंधकार में बदल जाएगा।

इसलिए कांग्रेस पार्टी आने वाले विधानसभा चुनाव में जीतने के लिए पूरी ताकत लगा रही है। उधर सत्ताधारी बीआरएस और इधर बीजेपी की तरफ से पलायन के सभी सर्वे कांग्रेस को वोट दे रहे हैं। इसलिए कांग्रेस हाईकमान ने जोर बढ़ा दिया है। इसके अलावा टीपीसीसी प्रमुख रेवंत रेड्डी ने प्रमुख नेताओं को दिल्ली बुला लिये हैं और रणनीतियों पर कार्य कर रहे हैं। मानो हम चुनाव के मैदान में कूद पड़े है। उधर दिल्ली के नेता और इधर तेलंगाना कांग्रेस के नेता जनता के बीच जा रहे हैं।

पिछले दो चुनावों में तेलंगाना सेंटीमेंट केसीआर के लिए एक शस्त्र की तरह काम किया था। कांग्रेस हाईकमान को विश्वास है कि सरकार के बढ़ते विरोध और सोनिया गांधी के हाथों दिया गया तेलंगाना सेंटीमेंट शस्त्र कांग्रेस पार्टी के लिए काम करेगा। पार्टी के नेताओं का कहना है कि तेलंगाना में होने वाले सभाओं में चुनावी घोषणापत्र की ऐलान किया जाएगा और क्षेत्रीयस्तर पर चुनाव प्रचार कार्यक्रम चलाये जायेंगे तथा पार्टी के घोषणापत्र को घर-घर तक पहुंचाया जायेगा। तेलंगाना कांग्रेस के नेताओं का मानना है कि भावुक शस्त्र का इस्तेमाल उसे लाभदायिक साबित होगा। भावुक शस्त्र के रूप में सोनिया गांधी लोगों के आह्वान से किया जाएगा- ‘कृपया कांग्रेस पार्टी को केवल एक मौका दें, जिसने आपको तेलंगाना दिया है। अनेक युवकों के बलिदान होने से रोका है।’

दूसरी ओर आलाकमान बड़े पैमाने पर तेलंगाना में आम सभाओं का आयोजित करने की भी योजना बना रहा है। इन सभाओं में सोनिया गांधी, मल्लिकार्जुन खड़गे, प्रियंका गांधी और कर्नाटक के सीएम सिद्धारमैया को आमंत्रित किया जाएगा। इस महीने की 18 तारीख को तेलंगाना और कर्नाटक के सीमावर्ती इलाके में मल्लिकार्जुन खड़गे की आम सभा करेंगे। इस सभा में केसीआर सरकार के खिलाफ आरोप पत्र, एससी और एसटी डिक्लरेशन की घोषणा किये जाने की संभावना है। इस समय बीसी डिक्लरेशन पर फिलहाल कार्य जारी है।

अगले चुनाव में बीसी को 34 सीटें आवंटित करने के रेवंत रेड्डी के फैसले के अनुसार डिक्लरेशन तैयार कर किया जा रहा है। इसमें बीसी के लिए सीटों के कोटा के साथ-साथ उनके विकास के लिए कार्यक्रमों और वादों को समझाया जा रहा है। खबर है कि कर्नाटक के सीएम सिद्धारमैया को इस महीने के अंत में सूर्यापेट में बीसी गर्जन सभा में आमंत्रित किया जाएगा। बताया जा रहा है कि उस सभा में बीसी डिक्लेरेशन की घोषणा की जायेगी। यह भी बताया जा रहा है कि 7 सितंबर के बाद प्रियंका गांधी की एक सभा आयोजित की जाएगी और इस सभा में महिला डिक्लरेशन का ऐलान किया जाएगा।

इन चार आम सभाओं के बाद कांग्रेस पार्टी पूरे पैमाने पर चुनाव प्रचार कार्यक्रम में उतरेगी। 17 सितंबर को तेलंगाना में एक विशाल जनसभा का आयोजन किया जाएगा और सोनिया गांधी को मुख्य अतिथि होगी। सोनिया गांधी तेलंगाना के लोगों से उस कांग्रेस पार्टी को एक मौका देने का आह्वान करेंगी जिसने तेलंगाना दिया है। खबर है कि कांग्रेस पार्टी का चुनावी घोषणापत्र को घोषित करेगी। खबर है कि कांग्रेस पार्टी का घोषणापत्र इस बार काफी आकर्षक रहेगा।

प्रमुख सर्वेक्षण संगठनों की ओर से किए गए सर्वेक्षणों से पता चलता है कि कांग्रेस पार्टी निश्चित रूप से जीतेगी। साथ ही कांग्रेस के रणनीतिकार सुनील कनुगोलु ने भी तेलंगाना विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र के 119 सीटों को तीन भागों में विभाजित किया है। ए- श्रेणी में 41 सीटों पर जीत पक्की होने का दावा किया हैं। बी- श्रेणी में 42 सीटें थोड़े प्रयास से जीतने योग्य हैं। और सी श्रेणी में 36 सीटें कमजोर हैं। सुनील ने कांग्रेस को सुझाव दिया कि वह इस बात को ध्यान में रखे और कहीं भी नकारात्मक न हो। केवल सरकार की नाकामियों और विफलताओं को उजागर करते हुए आगे बढ़ते जाये। खबर है कि इस आशय की रिपोर्ट भी कांग्रेसी नेताओं को सौंपी गई है।

अगर सब कुछ योजना के मुताबिक हुआ तो संभावना है कि कांग्रेस पार्टी 15 अगस्त के बाद 50 से 70 उम्मीदवारों की पहली सूची जारी कर सकता है। दूसरी ओर, सीएम केसीआर भी इसी महीने की 12 या 13 तारीख को 87 उम्मीदवारों के साथ बीआरएस की पहली सूची जारी करने की तैयारी कर रहे हैं। कुल मिलाकर कांग्रेस पार्टी चुनाव के लिए पूरी तरह से तैयार है। 17 सितंबर तक कांग्रेस पार्टी अपने हथियारों का जोरदार इस्तेमाल करेगी। केवल इंतजार करना होगा और देखना होगा कि तेलंगाना में भविष्य में क्या-क्या होने वाला है।

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