हैदराबाद: तेलंगाना के मुनुगोडु उपचुनाव लगभग तय हो गया है। इसी क्रम में टीआरएस और बीजेपी इस निर्वाचन क्षेत्र में चुनाव प्रचार में काफी आगे निकल चुके हैं। कांग्रेस पार्टी को लग रहा है कि वह प्रचार करने में पिछड़ रहा हैं। टीआरएस और बीजेपी निर्वाचन क्षेत्र और मंडल स्तर से लेकर ग्राम स्तर तक प्रचार करते आगे जा रहे हैं। वहीं निर्वाचन क्षेत्र स्तर पर चर्चा है कि कांग्रेस के नेता खामोश है।
टीआरएस और बीजेपी पहले से ही अपनी ताकत का भरपूर इस्तेमाल करने में लगा हैं। वहीं कांग्रेस पार्टी के नेता इस निर्वाचन क्षेत्र के गांवों पर अब तक ध्यान नहीं दिया हैं। इसका का कारण यह है कि अब तक उम्मीदवार को अंतिम रूप नहीं दिया जाना है। कांग्रेस के हलकों में एक बहस यह भी है कि इसका कारण राज्य स्तर से उचित पर्यवेक्षण और समन्वय की कमी है। साथ ही यह भी एक कारण है कि यहां पर अधिक नेता टिकट की उम्मीद कर रहे हैं।
पलायन से परेशान
मुनुगोडु उपचुनाव मुख्य रूप से टीआरएस, भाजपा और कांग्रेस के बीच है। यह कांग्रेस की सिटिंग सीट है और उस पार्टी का कैडर भी अच्छा है। लेकिन अन्य दलों के आक्रामक होने की पृष्ठभूमि में कैडर आलस्य की स्थिति में है। इसके अलावा टीआरएस और बीजेपी इस समय कांग्रेस के नेताओं को अपने खेमे में खींच रही है। कांग्रेस वार्ड सदस्य से लेकर मंडल के अध्यक्ष, मंडल स्तर के नेता और नगर निगम के नेता टीआरएस और बीजेपी में शामिल हो रहे हैं। कांग्रेस के स्थानीय नेताओं में यह भावना है कि देरी होने पर कोई फायदा नहीं है। इसलिए हर दिन अन्य पार्टी में पलायन जारी है।
कार की रफ्तार तेज
टीआरएस की तरफ से जिला मंत्री जगदीश रेड्डी सब कुछ अकेले ही अपना काम करते हुए आगे बढ़ रहे हैं और पार्टी को मजबूत रहे हैं। पार्टी चिन्ह और केसीआर फोटो वाली दीवार की घड़ियां और छतरियां निर्वाचन क्षेत्र में पहुंच चुके हैं। जितना हो सके उतना अन्य दलों के नेताओं को शामिल करने वाली टीआरएस ने अब ग्राम विकास कोष के खर्च पर ध्यान केंद्रित किया है। ग्राम पंचायतों में 20 लाख रुपये की धनराशि आवंटन करने के ग्राम पंचायतों के प्रस्ताव पारित कर भेजा जा रहा है। चर्चा है कि दो-तीन दिन में यहा राशि आ जाएगी और काम भी शुरू हो जाएगा।
राजगोपाल रेड्डी हर दिन एक गांव
बीजेपी में शामिल हुए कोमटिरेड्डी राजगोपाल रेड्डी भी अपने ही अंदाज में इस निर्वाचन क्षेत्र में घूम रहे हैं। पुराने कांग्रेस कैडर के साथ अपने निजी करिश्मे का इस्तेमाल करते हुए पार्टी में शामिल हुए नेताओं के साथ हर दिन एक गांव जा रहे हैं। दूसरी ओर, भाजपा और टीआरएस पहले ही निर्वाचन क्षेत्र में जनसभाएं कर चुकी हैं। इस पृष्ठभूमि में जहां संबंधित दलों के नेता गांवों और मंडलों में उत्साह से घूम रहे हैं। वहीं कांग्रेस पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं में सतर्कता की कमी दिखाई दे रही है।
मैदानी स्तर तक नहीं पहुंची कांग्रेस
गांधी भवन के हलकों में इस बात की चर्चा चल रही है कि अगर मौजूदा हालात में जल्द से जल्द बदलाव नहीं किया गया तो नतीजा नहीं संभव है। इसी महीने की 20 तारीख को राजीव गांधी की जयंती के अवसर पर कांग्रेस के नेताओं ने निर्वाचन क्षेत्र में हंगामा किया। मगर उसके बाद नेता क्षेत्र स्तर पर नहीं जा सके। कांग्रेस का उम्मीदवार कौन है। इसका खुलासा होने पर ही कांग्रेस का चुनाव प्रचार जोर पकड़ने की संभावना है।
गणेश चतुर्थी के बाद उम्मीदवार की घोषणा
मुनुगोडु से टिकट की उम्मीद कर रहे पालवाई श्रवंती, पल्ले रविकुमार, पुन्ना कैलाश नेता और चल्लमल्ला कृष्ण रेड्डी में से कोई भी नेता पूरी तरह से निर्वाचन क्षेत्र पर ध्यान केंद्रित नहीं कर रहे हैं। ये नेता सोच रहे हैं कि गांवों में जाकर सब कुछ तैयार करने के बाद टिकट नहीं मिला तो परेशानी होगी। इस संदर्भ में टीपीसीसी नेतृत्व जल्द से जल्द उम्मीदवार को अंतिम रूप देने की योजना बना रहा है। राज्य स्तर पर अभ्यास पहले ही पूरी हो चुकी है और उम्मीदवारों की सूची दिल्ली पहुंच गई है। कहा जा रहा है कि गणेश चतुर्ती के बाद एआईसीसी उम्मीदवार की घोषणा करने की संभावना है।