हैदराबाद: शहर में एक निजी स्कूल में दर्दनाक हादसा हो गया। डिजिटल क्लास रूम में हंगामा करने वाले छात्रों को एक सहपाठी ने आपत्ति जताई। इससे क्रोधित दो छात्रों ने सहपाठी की जमकर पिटाई कर दी। पिटाई में सहपाठी कोमा में चला गया। उसे तुरंत अस्पताल में भर्ती किया गया। इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। दर्दनाक हादसा हैदराबाद के कृष्णानगर के साईकृपा स्कूल में प्रकाश में आई है।
जुबली हिल्स पुलिस के अनुसार, कृष्णानगर स्थित साईकृपा हाईस्कूल में दसवीं कक्षा में 28 छात्र पढ़ रहे हैं। बुधवार को मात्र 13 छात्र हाजिर हुए। दोपहर को लंच के समय छात्र एक दूसरे पर पेपर रॉकेट फेंकने लगे। कुछ छात्रों ने मंजूर (16) नामक छात्र पर पेपर रॉकेट फेंका। मंजूर ने इस पर आपत्ति जताई और क्लास हंगामा नहीं करने का सुझाव दिया। इसके चलते छात्रों ने मंजूर की जमकर पिटाई कर दी। यह देख तीन छात्रों ने उसे छुड़वाया। मगर तब तक मंजूर कोमा में चला गया।
इसी क्रम में एक छात्र ने स्कूल के प्राचार्य अंजना राव को पिटाई घटना की जानकारी दी। बेहोश छात्र को तुरंत स्थानीय अस्पताल ले गये। मगर तब तक उसकी मौत हो चुकी थी। इसके बाद स्कूल के संचालकों ने स्कूल बंद करके चले गये। मृतक छात्र के माता-पिता ने थाने में शिकायत दर्ज की कि स्कूल प्रबंधन की लापरवाही के कारण ही उनके बेटे की मौत हुई है।
पुलिस ने मामला दर्ज कर घटना से जुड़े सबूत एकत्रित किये हैं। जुबली हिल्स डीआई रमेश और एसआई प्रभाकर रेड्डी ने स्कूल और कक्षाओं में लगे सीसीटीवी कैमरों में रिकॉर्ड किए गए फुटेज की जांच की। स्कूल के प्रिंसिपल अंजना राव का बयान भी दर्ज किया। डिजिटल क्लास के दौरान वहां शिक्षकों की अनुपस्थिति के बारे में पूछताछ की। पुलिस ने स्पष्ट किया कि लापरवाही बरतने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
आपको बता दें कि मंजूर का पिता हबीब कृष्णानगर में किराए के मकान में रहता है और फल बेचकर अपने परिवार का भरण-पोषण करता है। उसे तीन बेटे हैं। बड़ा बेटा मंसूर अपने पिता के साथ फल बेचता है। दूसरा बेटा मंजूर दसवीं कक्षा में पढ़ रहा था। तीसरा बेटा विजयवाड़ा में एक करीबी रिश्तेदार के घर में रहता है। परिवार पर आर्थिक बोझ होने के बावजूद हजीब मंजूर के बेहतर भविष्य के लिए निजी स्कूल में पढ़ा रहा था।