हैदराबाद: पुलिस ने कालोजी नारायण राव यूनिवर्सिटी ऑफ हेल्थ साइंसेज (KNRUHS) में पोस्ट ग्रेजुएट (पीजी) मेडिकल सीटों को ब्लॉक करने पर मामला दर्ज किया है। केएनआरयूएचएस रजिस्ट्रार प्रवीण कुमार की शिकायत पर पुलिस ने कुछ निजी मेडिकल कॉलेजों के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया है।
कथित तौर पर कुछ कॉलेजों में संयोजक कोटे के तहत अन्य राज्यों के छात्रों के नाम पर या नीट पीजी परीक्षा में योग्यता के आधार पर मुफ्त सीटों के लिए लगभग 45 सीटों को ब्लॉक कर दिया था। इसकी जानकारी मिलने के बाद विश्वविद्यालय के अधिकारियों ने उन छात्रों से संपर्क किया, जिनके नाम पर सीटों को ब्लॉक कर दिया गया था। कहा कि उन्होंने कभी भी केएनआरयूएचएस में प्रवेश की मांग नहीं की थी।
कुछ निजी कॉलेजों को बड़ी रकम कमाने के लिए ब्लॉक सीटों को एनआरआई कोटे में स्थानांतरित करने के घोटाले में शामिल होने का संदेह है। विश्वविद्यालय के अधिकारियों ने बार-बार छात्रों को सीटों को ब्लॉक करने के खिलाफ चेतावनी दी थी। इसी क्रम में प्रवेश प्रक्रिया की जांच के दौरान विश्वविद्यालय के अधिकारियों ने 45 आवेदकों के संबंध में मेरिट सूची में कुछ गड़बड़ियां पाईं। जब उन्होंने उम्मीदवारों के साथ जांच की तो उन्होंने कहा कि उन्होंने केएनआरयूएचएस के तहत कॉलेजों में प्रवेश के लिए कभी आवेदन नहीं किया।
इसी कथित अनियमितताओं के कारण राज्य के योग्य रैंक धारकों को प्रवेश से वंचित कर दिया गया। सरकार के सुझाव पर विवि प्रशासन ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है। राज्यपाल तमिलिसाई सौंदरराजन ने एक दिन पहले केएनआरयूएचएस के कुलपति को निजी कॉलेजों में मेडिकल पीजी सीटों में प्रवेश में कथित अनियमितताओं पर तुरंत एक विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया था।
राजभवन के एक बयान के अनुसार, राज्यपाल ने मेडिकल पीजी सीट ब्लॉकिंग घोटाले की खबरों को गंभीरता से लिया है। क्योंकि इससे राज्य के योग्य रैंक धारकों को पीजी मेडिकल सीटों से वंचित कर दिया गया है। राज्यपाल खुद एक डॉक्टर है। इसके चलते इस खबर से दुखी थी और केएनआरयूएचएस वरंगल के कुलपति को निर्देश दिया कि वे सुधारात्मक उपायों को शुरू करते हुए तुरंत एक विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत करें। गौरतलब है कि केएनआरयूएचएस के अधिकार क्षेत्र में 33 मेडिकल कॉलेज हैं। इनमें नौ सरकारी कॉलेज, 20 निजी कॉलेज और चार अल्पसंख्यक कॉलेज शामिल हैं।