हैदराबाद : केंद्रीय हिंदी संस्थान, आगरा के हैदराबाद केंद्र द्वारा तमिलनाडु राज्य के चेन्नई जिले के माध्यमिक विद्यालयों के हिंदी अध्यापकों और हिंदी प्रचारकों के प्रशिक्षण हेतु डीआरबीसीसीसी हिंदू कॉलेज, पट्टाभिराम में 3 से 15 जून तक 470वें नवीकरण पाठ्यक्रम का आयोजन किया गया है। नवीकरण पाठ्यक्रम में लगभग 35 प्रतिभागी पंजीकरण कर उपस्थित हुए।
इस नवीकरण पाठ्यक्रम का उद्घाटन समारोह केंद्रीय हिंदी संस्थान आगरा मुख्यालय के निदेशक प्रोफेसर सुनील बाबूराव कुलकर्णी की अध्यक्षता में संपन्न हुआ। मुख्य अतिथि के रूप में दक्षिण भारत की वरिष्ठ साहित्यकार तथा पूर्व प्राचार्या डॉ. राजलक्ष्मी कृष्णन, विशिष्ट अतिथि द्वय के रूप में डीआरबीसीसीसी हिंदू कॉलेज पट्टाभिराम, चेन्नई की प्राचार्या और निदेशक क्रमशः डॉ. जी. कल्वीक्करसी और डॉ. एन. राजेंद्र नायडू उपस्थित थे। इस अवसर पर नवीकरण पाठ्यक्रम के संयोजक और केंद्रीय हिंदी संस्थान हैदराबाद केंद्र के क्षेत्रीय निदेशक प्रोफेसर गंगाधर वानोडे, सह-आचार्य डॉ. फत्ताराम नायक, डॉ. पंकज सिंह यादव, डॉ. जैनबी, डॉ. मणिकंठन, डॉ. गुरुमूर्ति और डॉ. कृष्णमूर्ति मंच पर उपस्थित थे।
उद्घाटन समारोह की शुरुआत दीप प्रज्वलन और प्रतिभागी अर्चना द्वारा प्रस्तुत माँ तमिल वंदना से की गई। इसके पश्चात् संस्थान गीत और स्वागत गीत का ऑडियो चलाया गया। मंच पर उपस्थित अतिथियों का स्वागत और परिचय डॉ. मणिकंठन ने किया। इसके बाद प्रतिभागी उषा, डी. महेश कुमारी, बी. गोमती, बी. सरस्वती, एन. पुष्पलता और शेख मदार साहब ने इस नवीकरण पाठ्यक्रम से संबंधित अपनी अपेक्षाओं को बताया।
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मुख्य अतिथि के रूप में दक्षिण भारत तमिलनाडु की वरिष्ठ साहित्यकार तथा पूर्व प्राचार्या डॉ. राजलक्ष्मी कृष्णन ने हिंदी भाषा और साहित्य के लगभग पाँच दशकों के अनुभव को साझा किया और तमिलनाडु राज्य में हिंदी कि स्थिति पर विचार व्यक्त किया। हिंदी भाषा के अंतरराष्ट्रीय विस्तार पर उन्होंने अपनी बात रखी और अपनी विदेश यात्राओं का ज़िक्र करते बताया कि कैसे विश्व फलक पर हिंदी का विस्तार हो रहा है।
विशिष्ठ अतिथि उद्बोधन के रूप में डॉ. जी. कल्वीक्करसी ने इस नवीकरण पाठ्यक्रम की सराहना की और कहा कि इस तरह के आयोजनों से यहाँ के प्रतिभागी हिंदी विषय में दक्षता हासिल कर हिंदी के प्रचार-प्रसार में सहभागी बन सकते हैं। इसके अलावा उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में हिंदी भाषा को राष्ट्र भाषा बनाने के प्रयास और विकास की सराहना की और कहा कि उनके प्रयास से भारत और हिंदी भाषा नित-निरंतर ऊँचाई को प्राप्त कर रही है। नवीकरण पाठ्यक्रम संपन्न कराने के लिए हिंदू कॉलेज को अवसर देने के प्रति उन्होंने केंद्रीय हिंदी संस्थान, हैदराबाद केंद्र को धन्यवाद दिया तथा आभार व्यक्त किया।
इस नवीकरण पाठ्यक्रम के संयोजक डॉ. गंगाधर वानोडे ने केंद्रीय हिंदी संस्थान आगरा मुख्यालय द्वारा चलाए जाने वाले पाठ्यक्रमों तथा गतिविधियों के बारे में विस्तार से जानकारी दी, जहाँ हिंदीतर राज्यों के तमाम छात्र शिक्षक-प्रशिक्षण, हिंदी भाषा और साहित्य का अध्ययन करते है। इसके अलावा संस्थान मुख्यालय आगरा तथा दिल्ली केंद्र पर विदेशी विद्यार्थी हिंदी भाषा तथा साहित्य का अध्ययन करने हेतु आते हैं। इसके लिए संस्थान उन्हें मासिक छात्रवृत्ति और छात्रावास की भी सुविधा प्रदान करती है।
इसके बाद उन्होंने इस नवीकरण पाठ्यक्रम के उद्देश्यों के बारे में भी बताया। इसके अलावा उन्होंने प्रतिभागियों से अपने उच्चारणगत और वर्तनी की अशुद्धियों को दूर करने के लिए दूरदर्शन से प्रसारित होने वाले समाचार को रोज ध्यानपूर्वक सुनने और उसी तरह का उच्चारण करने का प्रयास करने के लिए कहा। तमिलनाडु राज्य में हिंदी की स्थिति और विवाद पर भी उन्होंने बहुत ही साफगोई के साथ अपनी बात को रखा और कहा कि जिस तरह दक्षिण के इस राज्य के संदर्भ में हिंदी विवाद को लेकर जो बातें कही जाती हैं वो ज्यादातर राजनीति से प्रेरित मालूम होती है, क्योंकि इस तरह के नवीकरण पाठ्यक्रम में जिस उत्साह के साथ तमाम प्रतिभागी शामिल होते हैं उसे देखकर हिंदी विरोध की स्थिति झूठी प्रतीत होती है। हैदराबाद केंद्र के सह-आचार्य डॉ. फत्ताराम नायक ने वैश्विकरण के दौर में हिंदी कि स्थिति और बाजार में हिंदी भाषा के बढ़ाते प्रभाव के बारे में विस्तार से अपनी बात रखी। डॉ. मणिकंठन, डॉ. गुरुमूर्ति और डॉ. कृष्णमूर्ति, डॉ. जैनबी ने भी हिंदी भाषा और तमिलनाडु राज्य में हिंदी की स्थिति पर अपने विचार रखें।
इस उद्घाटन की अध्यक्षता कर रहे केंद्रीय हिंदी संस्थान आगरा के निदेशक प्रोफेसर सुनील कुलकर्णी को मुख्यालय में अति आवश्यक बैठक में शामिल होने की वजह से बहुत ही संक्षेप में उन्होंने इस नवीकरण पाठ्यक्रम और उसमें शामिल प्रतिभागियों कि सराहना की और सभी के प्रति शुभकामनाएँ व्यक्त की। इसके बाद प्रतिभागियों का पूर्व-परीक्षण लिया गया। तत्पश्चात नियमित कक्षाएँ संचालित की गईं। यह प्रशिक्षण कार्यक्रम 15 जून तक चलेगा कार्यक्रम का सफल संचालन और धन्यवाद ज्ञापन डॉ. पंकज सिंह यादव ने किया। लिपिकीय कार्य के संपादन हेतु केंद्र के सदस्य शेख मस्तान वली को प्रतिनियुक्त किया गया है।