हैदराबाद: केंद्रीय हिंदी संस्थान, विश्व हिंदी सचिवालय तथा अंतरराष्ट्रीय सहयोग परिषद के तत्वावधान में भारतीय उच्चायोग फीजी, स्वामी विवेकानंद सांस्कृतिक केंद्र फीजी एवं वैश्विक हिंदी परिवार की ओर से रविवार (20 नवंबर) को दिन में 11.00 बजे (भारतीय समय) वेब संगोष्ठी आयोजित किया जाएगा। यह कार्यक्रम भारतीय समय के अनुसार दिन में 11 बजे, फीजी तथा न्यूजीलैंड के समयानुसार, शाम 5.30 बजे, आस्ट्रेलिया के समयानुसार दोपहर 3.30 बजे से शुरू होगा। भाषा विमर्ष संगोष्ठी का विषय है- ’12वां विश्व हिंदी सम्मेलन’ फीजी है।
इस गोष्ठी की अध्यक्षता श्री वीरेन्द्र गुप्ता, पूर्व राजदूत एवं अध्यक्ष, अंतरराष्ट्रीय सहयोग परिषद, भारत करेंगे। विशिष्ट अतिथि के रूप में पी एस कार्थिगेयन, फीजी में भारत के महामहिम उच्चायुक्त; कमलेश प्रकाश, भारत में फीजी के महामहिम उच्चायुक्त उपस्थित रहेंगे।
पैनल चर्चा में अनिल शर्मा जोशी, उपाध्यक्ष, केंद्रीय हिंदी शिक्षण मंडल एवं सदस्य विश्व हिंदी सम्मेलन सलाहकार समिति; हरमिंदर सिंह बेदी, कुलाधिपति, धर्मशाला केंद्रीय विश्वविद्यालय एवं सदस्य, विश्व हिंदी सम्मेलन सलाहकार समिति; सच्चिदानंद जोशी, सचिव, इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र एवं सदस्य, विश्व हिंदी सम्मेलन सलाहकार समिति; कमलेश आर्य, आर्य प्रतिनिधि सभा, फीजी; डॉ इंदू चन्द्रा, पूर्व हिंदी विभागाध्यक्ष, युनिवर्सिटी ऑफ साउथ पैसिफिक, फीजी; अखिलेश प्रसाद, अध्यक्ष, श्री सत्संग रामायण मंडली, फीजी सहभागिता करेंगे। कार्यक्रम का संचालन संतोष कुमार मिश्र, पूर्व निदेशक, स्वामी विवेकानंद सांस्कृतिक केंद्र, फीजी करेंगे। कार्यक्रम के संयोजक- जवाहर कर्नावट (भारत), सुमंत राउत (फीजी), रोहित कुमार हैप्पी (न्यूजीलैंड) हैं।
कार्यक्रम में जुड़ने के संगोष्ठी लिंक निम्नवत है- https://us02web.zoom.us/j/85658452884, Meeting ID: 856 5845 2884 कार्यक्रम फेसबुक लिंक- https://www.facebook.co/VAISHVIKHINDIPARIVAR यूट्यूब लिंक – https://www.youtube.com/c/ वैश्विक हिंदीपरिवार पर भी सुन सकते हैं।
गैरतलब है कि हिंदी देश के साथ-साथ विश्व की भी प्रमुख भाषा है। वैश्विक स्तर पर इसके विकास के लिए विश्व हिंदी सम्मेलनों की प्रमुख भूमिका रही है। 1975 से शुरू हुआ यह क्रम आज प्रशांत क्षेत्र में जा पहुँचा है। फीजी में होने वाला यह पहला परंतु वैश्विक स्तर पर यह बारहवाँ हिंदी सम्मेलन है। इसमें हिंदी के विकास और विभिन्न आयामों के बारे में देश-विदेश के विद्वानों के द्वारा चर्चा की जाएगी। परिकल्पना, तैयारी और वर्तमान स्थिति के बारे में चर्चा करने के संबंधित प्रमुख विद्वान कार्यक्रम में भाग लेंगे। आप सभी का संगोष्ठी में स्वागत हैं।