नई दिल्ली : भारत सरकार ने कोरोना टीकाकरण में दो (मिश्रित) खुराक को शामिल करने के लिए वैज्ञानिक अध्ययन की अनुमति दे दी है। इसके चलते अब जल्द ही एक व्यक्ति को दो अलग-अलग वैक्सीन की खुराक दी जाएगीं। चिकित्सीय अध्ययनों में अब तक काफी सकारात्मक परिणाम देखने को मिले हैं।
गुरुवार को विशेषज्ञ कार्य समिति (एसईसी) की देर रात तक चली बैठक में कोविशील्ड और कोवाक्सिन, नाक से दी जाने वाली भारत बायोटेक की वैक्सीन और सीरिंज से दी जाने वाली कोवाक्सिन की मिश्रित खुराक पर अध्ययन की अनुमति दी गई है। जल्द ही देश के अस्पतालों में इस बारे में अध्ययन शुरू होगा।
विशेषज्ञ कार्य समिति समिति के एक वरिष्ठ सदस्य ने बताया कि एक ही व्यक्ति को दो अलग-अलग वैक्सीन अब तक कई देशों में दी जा रही है। सदस्य ने आगे बताया कि सीएमसी वैल्लोर के विशेषज्ञों से मिश्रित खुराक को लेकर प्रस्ताव भी मिला। फिलहाल इस पर अध्ययन की अनुमति दी गई है। विश्वास है कि आने वाले दिनों में अध्ययन के बेहतर परिणाम मिलने के बाद इसे टीकाकरण में शामिल कर लिया जाएगा।
एक सवाल के जवाब में सदस्य ने कहा कि इस पूरी प्रक्रिया में अभी कम से कम तीन से चार महीने का समय लग सकता है। उन्होंने कहा कि कोविशील्ड और कोवाक्सिन की मिश्रित खुराक देने से कोई प्रतिकूल असर सामने नहीं आया है। इसलिए यह पूरी संभावना है कि वैज्ञानिक अध्ययन में कोरोना वायरस और एडिनो वायरस से बनीं दो अलग-अलग वैक्सीन एक शरीर में जाकर समान असर दिखाएंगीं।
उन्होंने यह भी बताया कि वैल्लोर स्थित क्रिश्चियन मेडिकल कॉलेज के डॉक्टरों ने कोवाक्सिन और कोविशील्ड की मिश्रित खुराक पर अध्ययन करने की अनुमति मांगी है। इस दौरान नाक से दी जाने वाली वैक्सीन को भी शामिल किया जाएगा। क्योंकि यह बच्चों के टीकाकरण में तेजी ला सकती है। इस समय वैक्सीन पर पहले चरण का परीक्षण चल रहा है। (एजेंसियां)