हैदराबाद : यह सर्वविदित है कि इस समय कर्नाटक में हिजाब विवाद जारी है। दिनोंदिन यह विवाद और जटिल होता जा रहा है। पाकिस्तान के विदेश मंत्री ने भी बुधवार को इस पर टवीट किया है। हैदराबाद के सांसद ओवैसी ने उसका कड़ा जवाब भी दिया है। यह देख कई लोगों का मानना है कि अगर ऐसा ही चलता रहा तो हिंदू-मुस्लिम के बीच संघर्ष शुरू हो सकते हैं।
हिजाब वस्त्र पहनकर आने वाले छात्राओं को क्लास में अनुमति नहीं दी जा रही है। इसके चलते वे कोर्ट गये है। यह बड़ा विवाद बन गया है। हर दिन स्कूल और कॉलेजों में नारे लगाये जा रहे हैं। इस हालत पर तेलंगाना की एमएलसी के कविता ने प्रतिक्रिया व्यक्त किया है। उन्होंने ट्विटर पर एक कविता के रूप में अपनी राय साझा की है।
कविता ने कहा कि जब माथे पर सिंधूर लगाना व्यक्तिगत रूप से आजादी है तो हिजाब पहनना भी एक व्यक्तिगत स्वतंत्रता बन जाती है। कैसे रहना चाहिए? क्या पहनना चाहिए? क्या करना चाहिए? यह सब चीजें महिलाओं की मर्जी पर छोड़ देना चाहिए। कविता ने आगे कहा कि औरतें सृष्टि के निर्माता होती हैं। उन्हें अपने फैसले खुद लेने की ताकत हैं। इस मौके पर कविता ने अपने हाथों से लिकी एक कविता ट्विटर पर पोस्ट किया है।
देखिए एमएलसी के कविता की शानदार कविता-
Wearing and applying Sindoor is my conscious choice
— Kavitha Kalvakuntla (@RaoKavitha) February 10, 2022
Wearing Hijab is Muskan’s choice.
Let women decide what they are comfortable in embracing and wearing.#DontTeachUs pic.twitter.com/wDuYVW6X5O