हैदराबाद: नल्लाकुंटा थाने में एक ब्लड बैंक के खिलाफ कथित लापरवाही के लिए मामल दर्ज हुआ है। परिणामस्वरूप तीन वर्षीय थैलेसीमिया रोगी एचआईवी के लिए सकारात्मक परीक्षण पाया गया है। लड़के के माता-पिता ने थाने में दर्ज में आरोप लगाया गया कि ब्लड बैंक ने उसे एचआईवी संक्रमित रक्त दिया दिया है।
पुलिस के अनुसार, रंगारेड्डी जिले के रामपल्ली गांव के एक बच्चे का अडिकमेट स्थित एक बैंक में पिछले ढाई साल से खून चढ़ा रहा था। हाल ही में रक्त चढ़ाने के बाद इलाज करने वाले डॉक्टर ने रक्त परीक्षण का सुझाव दिया तो परीक्षण में एचआईवी पॉजिटिव पाया गया। बच्चे के माता-पिता ने ब्लड बैंक की कथित लापरवाही की विस्तृत जांच की मांग की।
मामले में जांच अधिकारी सब-इंस्पेक्टर बी शिव शंकर ने बताया कि शिकायतकर्ताओं ने कहा है कि वे केवल अडिकमेट में ब्लड बैंक रक्त लेकर इलाज कर रहे हैं। ब्लड बैंक ने दावा किया है कि बच्चे के खून से ग्रसित होने की संभावना है। अन्यत्र भी रक्तदान किया होगा। क्योंकि वे कुछ समय के लिए अनुपस्थित थे।
एसआई ने कहा कि बच्चा दो से चार सप्ताह में एक बार खून चढ़ाता था। सात महीने की उम्र से ही रक्तदान शुरू हुआ है। उन्होंने कहा कि ब्लड बैंक ने दावा किया कि वे दो महीने में एक बार प्राप्तकर्ता पर एचआईवी परीक्षण कर रहे थे। यह पहली बार एचआईवी का पता चला है।
एसआई ने कहा, “एफआईआर कल ही दर्ज की गई है। जांच शुरू होने के बाद हम मेडिकल बोर्ड से सुझाव मांगेंगे। ब्लड बैंक ने कहा कि उनके पास दाताओं का विवरण है और कहा कि वे उन्हें बुलाएंगे और संक्रमण के स्रोत की पुष्टि करने के लिए उनका परीक्षण करेंगे।” पुलिस ने मेडिकल बोर्ड को पत्र लिखकर उसकी राय मांगी है और ब्लड बैंक प्रबंधन से मरीज का रिकॉर्ड जमा करने को कहा है।