हैदराबाद: सिकंदराबाद परेड ग्राउंड में आयोजित ‘बीजेपी विजय संकल्प सभा’ में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किसी प्रकार की राजनीतिक आलोचना नहीं की। केसीआर ने शनिवार की सभा में आरोप लगाया था कि केंद्र सरकार तेलंगाना की उपेक्षा कर रहा है। मोदी ने केसीआर के आरोपों पर गणना सहित केंद्रीय सहायता जिक्र किया। मगर केसीआर के नाम का कहीं पर भी जिक्र नहीं किया। मोदी ने कहा कि तेलंगाना में डबल इंजन की सरकार बनने जा रही है।
भाजपा के नेता और कार्यकर्ताओं ने सोचा था कि प्रधानमंत्री मोदी रविवार की सभा में केसीआर के सवालों का मुंहतोड़ जवाब देंगे। मीडिया में आज इसी विषय को लेकर विश्लेषण और लेख छपे हैं। हालांकि मोदी का पूरा भाषण राजनीतिक आलोचना से परे रहा है। राजनीतिक गलियारों में यह चर्चा खूब चल रही है कि भारी भीड़ के बीच प्रधानमंत्री का भाषण केसीआर का नाम नहीं लेने के पीछे बीजेपी की क्या रणनीति हो सकती है।

गौरतलब है कि मुख्यमंत्री केसीआर ने विपक्षी दलों के संयुक्त उम्मीदवार यशवंत सिन्हा को हैदराबाद आमंत्रित किया। शनिवार को बेगमपेट हवाई अड्डे पर उनका गर्मजोशी से स्वागत किया। बाद में जलाविहार में पार्टी सांसदों, विधायकों और प्रमुख नेताओं के साथ आयोजित बैठक में यशवंत को सम्मानित किया। इस मौके पर केसीआर ने प्रधानमंत्री मोदी पर निशाना साधा और उनकी कड़ी आलोचना की। यहां तक प्रधानमंत्री को कॉरपोरेट सेल्समैन तक कह दिया।
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केसीआर ने यह भी कहा था कि मोदी बोलने से पहले और बाद में भारत माता की जय कहते है। श्रीलंका में हुए आंदोलन और उन पर लगाये गये आरोपों पर मोदी खामोश क्यों है? केसीआर ने मोदी से सवाल किया था कि हैदराबाद आयोजित आमसभा में श्रीलंका मुद्दे पर अपनी प्रतिक्रिया दें। यदि प्रतिक्रिया नहीं देते है तो माना जाएगा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दोषी है। फिर भी मोदी ने इस सवाल का कोई जवाब नहीं दिया। मोदी के इसी चुप्पी को लेकर तेलंगाना के सियासी हलकों में गरमागरम बहस चल रही है।
भाजपा के नेता और आर्यकर्ताओं का भी तर्क और दृढ़ विश्वास था कि केसीआर के सवाल का मोगी मुंहतोड़ जवाब देंगे। लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं हुआ। मोदी ने केवल तेलंगाना की संस्कृति, यहां की सभ्यता और मंदिरों की विशिष्टताओं का जिक्र किया और कहा कि तेलंगाना में बीजेपी की सरकार बनेगी। यह सुनकर भाजपा कार्यकर्ता निराश हो गये।
उल्लेखनीय है कि केसीआर ने की टिप्पणी की थी कि नरेंद्र मोदी भ्रम में है कि वह स्थायी प्रधानमंत्री है। मगर वो भूल गये कि परिवर्तन जरूर होगा। इस टिप्पणी पर भी प्रधानमंत्री मोदी ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी। मोदी का भाषण केवल तेलंगाना को मदद किये जाने का जिक्र है। इस तरह प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने बिना केसीआर की आलोचना किये ही अपना भाषण समाप्त किया। मोदी के इस प्रकार के भाषण की किसी ने कल्पना तक नहीं थी।