हैदराबाद : भारतीय जनता पार्टी (BJP) तेलंगाना में ऑपरेशन कमल चलाने की तैयारी कर चुकी है। चर्चा है कि 14 टीआरएस के दस से अधिक और कांग्रेस का एक विधायक बीजेपी के संपर्क में है। ईटेला राजेंदर ने विश्वास जताया है कि जल्द ही तेलंगाना में जल्दी बीजेपी का ऑपरेशन कमल दिखाई देना शुरू हो जाएगा। टीआरएस के एक विधायक कोमटिरेड्डी राजगोपाल रेड्डी के एक करीबी दोस्त भी बीजेपी के संपर्क में है।
इसी क्रम में टीआरएस विधायक जो कि तेलंगाना के कोमाराम भीम आसिफाबाद जिले में आदिवासियों के भूमि मुद्दों को लेकर लड़ रहे हैं, वह भी बीजेपी से बातचीत किये जाने की खबर है। कहा जा रहा है कि वरंगल शहर के टीआरएस के एक विधायक भी बीजेपी के संपर्क में हैं। वहीं एक एससी आरक्षित सीट से एक विधायक भी बीजेपी के संपर्क में किया हैं। गौरतलब है कि तेलंगाना कुल 119 विधानसभा क्षेत्र हैं। इनमें 18 एससी-आरक्षित और नौ एसटी-आरक्षित हैं। महबूबनगर जिले से एक लाख से अधिक मतों के अंतर से चुनाव जीतने वाले टीआरएस के एक और विधायक भी बीजेपी के संपर्क में हैं।
चर्चा है कि बीजेपी विवादास्पद से दूर रहने वाले विधायकों को पकड़ने की पूरी कोशिश कर रही है। बीजेपी का मानना है कि अगर वे इस विधायक को लुभाने में सफल रहे तो वे आसपास के दो से तीन निर्वाचन क्षेत्रों के कई स्थानीय नेताओं को भी अपने साथ जोड़ सकती है। ताकि आने वाले चुनाव में दिक्कतों का सामना नहीं करना पड़े। संपर्क करने वालों की सूची में एससी-आरक्षित निर्वाचन क्षेत्र से एक और विधायक हैं। ईटेला राजेंदर के करीबी सहयोगी के रूप में पहचाने जाने वाला यह विधायक ईटेला के टीआरएस से बाहर आने के बाद से ही बीजेपी के संपर्क में है। इसके अलावा उत्तरी तेलंगाना के एक वरिष्ठ नेता भी बीजेपी के संपर्क में है। चर्चा है कि यह विधायक टीआरएस से बहुत खुश नहीं है और पार्टी छोड़ने का विचार कर चुका है।
एक और विधायक जो KCR के शासनकाल से पहले मंत्री रह चुके है और वाईएस राजशेखर रेड्डी, किरण कुमार रेड्डी के मंत्रिमंडल में मंत्री रह चुके हैं, उनके भी बीजेपी में शामिल होने की चर्चा जोरों पर है। इस लंबी सूची में अंतिम नाम एक कांग्रेस नेता का है, जो इस समय एक विधानसभा क्षेत्र का प्रभारी है। इस नेता को हाल ही में कांग्रेस पार्टी ने कारण बताओ नोटिस जारी किया था। यह प्रभारी भी बीजेपी नेताओं के साथ संपर्क में है। तेलंगाना में 2023 विधानसभा चुनाव होने हैं और बीजेपी आलाकमान को लगता है की तेलंगाना में उनके लिये माकूल माहौल है और उनके सत्ता में काबिज होने की पूरी संभावना है। (एजेंसियां)