बिहार समाज सेवा संघ ने प्रवासी मजदूरों की समस्याओं को लेकरर सरकार को घेरा
हैदराबाद: बिहार समाज सेवा संघ, हैदराबाद की एक विशेष बैठक शहर के दुलापल्ली में संघ महामंत्री विकास सिंह के निवास पर सम्पन्न हुई। बैठक में संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजू ओझा, हैदराबाद इकाई के अध्यक्ष मनीष तिवारी, महामंत्री विकास सिंह, कोषाध्यक्ष राधेश्याम प्रजापति, पूर्व अध्यक्ष पप्पू सिन्हा, वरिष्ठ सदस्य गौरव प्रताप सिंह, दीपक तिवारी, राकेश सिंह आदि उपस्थित थे। बैठक में सर्वप्रथम संजीवैय्या पार्क के बेबी पॉण्ड में हुए भव्य छठ पूजा प्रोग्राम की समीक्षा की गयी और इसके लिए सभी सदस्यों सहित शुभचिंतकों का आभार व्यक्त किया गया। सर्वसम्मति से निर्णय हुआ कि अगले वर्ष भी अधिक भव्य और व्यवस्थित रूप से छठ महापर्व का आयोजन किया जाएगा।
बैठक में बोलते हुए राष्ट्रीय चेयरमैन राजू ओझा ने दिवाली और छठ पर्व को लेकर अपने गांव गये प्रवासी मजदूरों के वापस लौटने में हो रही परेशानियों की ओर सबका ध्यान आकृष्ट किया। उन्होंने कहा कि अपनी जन्मभूमि से अपने कर्मभूमि लौटने के क्रम में श्रमवीरों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। ना ट्रेन में सीट मिल रही है और ना समय की कोई पाबंदी है। त्यौहार स्पेशल ट्रेनों की हालत बेहद खराब है। रेलवे के अधिकारी केवल झूठे प्रचार के लिए स्पेशल ट्रेन चलाने की घोषणा कर देते हैं, लेकिन सच्चाई यह है कि इन रेलगाड़ियों का कोई माई-बाप नहीं है। यह ना ही समय पर चलती हैं और ना ही समय पर अपने गंतव्य तक पहुंचती हैं। इनमें ना ही खान-पान की सुविधा है और ना ही सुरक्षा की गैरंटी है। निर्धारित समय पर एक भी ट्रेन नहीं पहुंचती है। ऐसी ट्रेनें 30 से 40 घंटे की देरी से पहुंच रही हैं। ऐसे में मजदूरों को रास्ते में खाने-पीने की भारी समस्या होती है और हजारों रुपये खाने में ही खर्च हो जाते हैं।
यह भी पढ़ें-
राजू ओझा ने आगे कहा कि बिहार-यूपी से कोई भी ट्रेन जब सिकंदराबाद स्टेशन पहुंचती है तो टीटी-टीसी का झुंड़ गिद्ध की तरह यात्रियों पर टूट पड़ता है और भोले-भाले मजदूरों से पैसे की उगाही करता है। उन्होंने दक्षिण मध्य रेलवे के उच्चाधिकारियों से तत्काल हस्तक्षेप करने की मांग करते हुए कहा कि यदि टीटी-टीसी का यह धंधा बंद नहीं हुआ तो वे इसकी शिकायत रेलमंत्री और प्रधानमंत्री से करेंगे। जरूरत पड़ी वे रेल रोको आंदोलन करने से भी पीछे नहीं हटेंगे। टिकट चेकिंग के नाम पर निर्दोष श्रमिकों के साथ हो रही लूट को कदापि बर्दास्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि प्रवासी मजदूर तेलंगाना के विकास के मेरुदंड हैं। शहरों की चकाचौंध और खेतों की हरियाली में इनके परिश्रम से निकले पसीने का योगदान है। इनको परेशान करके देश और प्रदेश को विकास के पथ पर आगे नहीं बढ़ाया जा सकता। यह बात सत्ता में बैठे और विपक्ष की राजनीति कर रहे सभी राजनीतिक दलों को ठीक ढंग से समझ लेनी चाहिए।