हैदराबाद: सिकंदराबाद रेलवे स्टेशन आगजनी और तोड़फोड़ मामले में अहम मुद्दे सामने आये हैं। पुलिस ने सिकंदराबाद की बर्बरता के पीछे निजी रक्षा एकेडमी की भूमिका की पहचान की है। साई डिफेंस एकेडमी के चेयरमैन आवुला सुब्बा राव पर पहले भी कई आरोप लग चुके हैं। आंध्र प्रदेश पुलिस ने सुब्बा राव को हिरासत में लेकर पूछताछ भी की। मगर सबूत के अभाव में उनके खिलाफ मामला दर्ज नहीं किया।
हालांकि, संदेह व्यक्त किये जा रहे हैं कि आंध्र प्रदेश पुलिस के हिरासत में रहने वाले सुब्बा राव से तेलंगाना की पुलिस ने पूछताछ क्यों नहीं की? सिकंदराबाद रेलवे स्टेशन में हमला करने वाले साई एकाडेमी से संबंधित होने की पहचान की गई। वॉट्सऐप चैटिंग, ग्रुप्स, कॉल रिकॉर्डिंग्स में सुब्बा राव की भूमिका होने के सबूत होने पर भी उसे क्यों छोड़ दिया गया इसे लेकर संदेह व्यक्त किये जा रहे हैं।
पुलिस ने आंदोलन कर रहे कुछ युवकों के खिलाफ मामला दर्ज कर जेल भेज दिया। आवुला सुब्बाराव के विषय में दोनों तेलुगु राज्यों की पुलिस में भिन्न मत व्यक्त किये जा रहे हैं। एपी पुलिस कह रही है कि तेलंगाना पुलिस ने अब तक उनसे संपर्क नहीं किया है। हालांकि, तेलंगाना पुलिस कह रही है कि वो सिकंदराबाद आगजनी के पीछे सुब्बाराव की भूमिका की जांच कर रही हैं। सुब्बाराव के मामले में दोनों राज्यों की पुलिस के आचरण पर संदेह व्यक्त किये जा रहे हैं।
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पुलिस ने प्राथमिक जांच में पाया कि सिकंदराबाद आगजनी और तोड़फोड़ के पीछे आंध्र प्रदेश के प्रकाशम जिले के कंभम निवासी और तेलुगु राज्यों में साई रक्षा एकाडेमी के नाम से प्रशिक्षण केंद्रों का संचालन करने वाले आवुला सुब्बा राव की भूमिका है। साथ ही पुलिस ने प्रारंभिक जांच में पाया कि सुब्बा राव ने अग्निपथ योजना के खिलाफ भव्य रैली निकाली और अपने भाषणों के जरिए एकाडेमी में प्रशिक्षण ले रहे उम्मीदवारों को भड़काया। इसके बाद आंदोलन की योजना बनाई। इसके लिए सिकंदराबाद रेलवे स्टेशन को चुना। इसके लिए स्वयं व्हाट्सएप ग्रुप बनाये और उम्मीदवारों को रेलवे स्टेशन तक ले जाने की योजना बनाई।