हैदराबाद : तेलंगाना बीजेपी के अध्यक्ष बंडी संजय ने आंध्र प्रदेश-तेलंगाना जल विवाद पर केंद्र को पत्र लिखा है। पत्र में जल विवाद में हस्तक्षेप करने में मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव विफल होने की आलोचना की है। उन्होंने स्पष्ट किया कि तेलंगाना के पानी के हिस्से की रक्षा के लिए केआरएमबी दायरे को अधिसूचित किया जाये। इस संबंध में उन्होंने केंद्रीय जल ऊर्जा मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत को पत्र लिखा।
बंडी संजय ने आगे कहा कि कृष्णा नदी के पानी में तेलंगाना के अधिकारों की रक्षा के लिए केआरएमबी दायरे को अधिसूचित किया जाना चाहिए। जगन और केसीआर दोनों प्रदेश के लोगों की भावनाओं को भड़काने की कोशिश कर रहे हैं। मगर राज्यों के अधिकारों की रक्षा के लिए काम नहीं कर रहे है।
दोनों एक होकर राजनीतिक लाभ उठाने का प्रयास कर रहे हैं। केसीआर ने कृष्णा नदी पर आंध्र प्रदेश को अवैध परियोजनाओं के निर्माण का मौका देकर तेलंगाना के साथ धोखा किया है। रायलसीमा सिंचाई लिफ्ट परियोजनाओं की निविदाओं को अंतिम रूप देने के लिए दूसरी एपेक्स काउंसिल बैठक को स्थगित कर दिया है।
उन्होंने बताया कि कहा कि 2010 में स्थापित बृजेश कुमार ट्रिब्यूनल ने कृष्णा जल के आवंटन को अंतिम रूप दिया था। हालांकि बचावत ट्रिब्यूनल के अनुसार संयुक्त आंध्र प्रदेश को 811 टीएमसी आवंटित किये गये। लेकिन सुप्रीम कोर्ट में फैसला लंबित होने के कारण बचावत ट्रिब्यूनल के अनुसार अर्थात 811 टीएमसी का इस्तेमाल किया जा रहा है।
2014 आंध्र प्रदेश पुनर्गठन अधिनियम के अनुसार केंद्र सरकार ने कृष्णा नदी प्रबंधन बोर्ड और गोदावरी नदी प्रबंधन बोर्ड की स्थापना की है। ये दोनों बोर्ड दोनों राज्यों द्वारा अपने-अपने हिस्से के नदी के पानी के उपयोग की देखरेख करते हैं। मगर इन बोर्डों के दायरे को अभी तक अधिसूचित नहीं किया गया है।