हैदराबाद: एजीआई हैदराबाद चैप्टर और ‘साहित्य गरिमा पुरस्कार हैदराबाद के संयुक्त तत्वाधान में एक विशेष वृहद साहित्यिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। यह गोष्ठी हिंदी की लब्ध प्रतिष्ठित पत्रिका ‘वैचारिकी’ के पूर्व संपादक शंकर लाल पुरोहित जी के निवास ग्रीन एवेन्यू में आयोजित की गई। समस्त पुरोहित परिवार के सस्नेह आमंत्रण पर हैदराबाद की सुप्रतिष्ठित, सशक्त साहित्यकारा व समाज-साहित्य सेवी डॉ अहिल्या मिश्र जी की अध्यक्षता व अतुल्य संचालन के अंतर्गत इस साहित्यिक गोष्ठी का आगाज किया गया।
कार्यक्रम की शुरुआत शंकर लाल पुरोहित व उनके ज्येष्ठ पुत्र सुनील कुमार पुरोहित को सम्मानित करने से हुआ। राष्ट्रपति द्वारा पुरस्कृत सम्मान से अलंकृत सुनील कुमार जी जो कि कनाडा में सुप्रसिद्ध सक्षम साहित्यकार के रूप में निरंतर कार्यरत हैं, उनका सम्मान हैदराबाद की जानी मानी साहित्यकार शिल्पी भटनागर, मोहिनी गुप्ता, विनोद कुमार अनोखा,संतोष रजा गाजीपुरी के द्वारा दुशाला और स्मृति चिन्ह देकर किया गया।
इसके बाद डॉ अहिल्या मिश्र के कर कमलों से सुनील कुमार पुरोहित की पुस्तक का विमोचन किया गया। इसके बाद काव्य पाठ का आयोजन किया गया। जिसमें हैदराबाद की लेखिका मोहिनी गुप्ता ने, भोर के पहले उजाले की किरण मन में सजाकर ‘
नामक सुंदर कविता का पाठ किया। विनोद गिरी अनोखा जी ने अपने चिर परिचित अंदाज में भोजपुरी में अपनी रचना का पाठ किया।
संतोष रजा गाजीपुरी ने माता-पिता पर समर्पित अपनी गजलों का सुंदर पाठ किया। शिल्पी भटनागर ने अपनी रचना ‘घर याद आता है मुझे’ और ‘हमारी कलम’ नामक सशक्त रचनाओं का पाठ किया। तत्पश्चात डॉ भरत विजय पुरोहित ने अपने बड़े भाई आ सुनील कुमार पुरोहित द्वारा लिखित खंड काव्य का मंत्रमुग्ध पाठ किया। संगीता महारिया ने भी अपनी रचनाओं का पाठ किया।
अंत में डॉ अहिल्या मिश्र ने अपनी सशक्त व प्रबल रचना ‘हां जीवन तुम, हां तुम…’ का पाठ कर सब को आनंदित होने पर मजबूर कर दिया। केंद्रीय हिन्दी संस्थान के प्रभारी व निदेशक गंगाधर ने भी अपने अमूल्य विचारों को सबके साथ रखा।
श्रीमती संतोष पुरोहित ने सभी का आभार व्यक्त किया। शंकर लाल पुरोहित ने सभी को अपना अमूल्य आशीर्वाद दिया और कार्यक्रम की भूरी-भूरी प्रशंसा की।
प्रबल और और सुंदर श्रोतागण व संयोजको के रूप में सुनील कुमार पुरोहित, हेमलता पुरोहित, कनक, केतव, रोहन, यशराज अन्य कई विद्वतजन इस समारोह में शामिल हुए, जिनकी गौरवमई उपस्थिति ने इस कार्यक्रम को और अधिक प्रभावशाली बना दिया। कार्यक्रम का समापन डॉ निर्मला पुरोहित के धन्यवाद ज्ञापन से हुआ।