साहित्य सेवा समिति की 75 वीं मासिक गोष्ठी संपन्न, कवि कुमार विश्वास पर किया गया फोकस

हैदराबाद : साहित्य सेवा समिति की 75 वीं मासिक गोष्ठी रविवार, 2 मई को गूगल मीट पर संपन्न हुई। युवा साहित्यकार डॉ राजीव सिंह जी ने गोष्ठी का आयोजन किया और समिति के अध्यक्ष नीरज कुमार ने गोष्ठी की अध्यक्षता की। गोष्ठी में विशेष अतिथि के रुप में सागर (मध्य प्रदेश) के सुप्रतिष्ठित गीतकार डॉक्टर श्याम मनोहर सीरोठिया उपस्थित थे।

ज्योति नारायण जी के सरस्वती वंदना गायन से गोष्ठी का आरंभ हुआ। तत्पश्चात सभी उपस्थित लोगों ने दो मिनट मौन धारण करके समिति के संस्थापक अध्यक्ष डॉक्टर दया कृष्ण गोयल जी की पत्नी के स्वर्गवास के शोक में मौन धारण किया। इसके पश्चात समिति की महामंत्री सुनीता लुल्ला जी ने आज के मुख्य अतिथि डॉ श्याम मनोहर सिरोठिया का परिचय दिया कि आप देश के सुप्रसिद्ध सुप्रसिद्ध गीतकार है और कई राज्यपालों और मुख्यमंत्रियों द्वारा पुरस्कृत और सम्मानित हो चुके हैं। देश की अन्यान्य साहित्यिक संस्थाओं द्वारा भी सम्मानित किये जा चुके हैं।

नीरज कुमार जी बोले डॉक्टर कुमार विश्वास जन कवि है

कार्यक्रम के संचालक डॉ राजीव सिंह जी ने अध्यक्ष नीरज कुमार जी को आमंत्रित किया कि वह सभा को संबोधित करें। नीरज कुमार जी ने अपनी स्वागत संबोधन में प्रथम सत्र में आयोजित डॉक्टर कुमार विश्वास जन कवि के बारे में विस्तारपूर्वक बताया आपने बताया कि किस प्रकार कुमार विश्वास जी ने कविता के मंच को एक व्यावसायिक गरिमा से प्रतिष्ठित किया। आपने यह बताया कि डॉक्टर कुमार विश्वास छोटी-छोटी कॉलेजों में और विषय विद्यालय में जाकर के युवा कवियों को अपनी कविताएं सुनाते थे और उनमें हिंदी भाषा के प्रति प्रेम जागृत करते थे। डॉक्टर को मार विश्वास की हल्की फुल्की लेकिन सुंदर साहित्यिक कविताओं ने उनको युग वर्ग का चहेता कभी बना दिया और युवक में हिंदी कविता के प्रति एक नई चेतना का जागरण हुआ। इतना ही नहीं दिल से बाहर विदेशों में जाकर भी कुमार विश्वास जी ने हिंदी की कविता को नए आयाम दिए, इसलिए कुमार विश्वास जी जन कवि हैं।

कुशल मंच संचालक कुशल आयोजक और कुशल व्यावसायिक

प्रथम सत्र में चर्चा का विषय था, कुमार विश्वास जन कवि। सत्र में सुनीता लल्ला जी ने विषय परिचय करते हुए बताया कि कुमार विश्वास जी केवल कवि कभी नहीं रहे वह कुशल मंच संचालक कुशल आयोजक और कुशल व्यावसायिकता की तरफ ले जाने वाले मार्गदर्शक बने। आप कविता को कॉलेज और युनिवर्सिटी कैंपस तक ले गये। आपको सरल सहज साहित्यिक हिन्दी ने युवा वर्ग के हृदय में घर बनाया। कुमार राजनैतिक मंच के साथ भी कविता को जोड़ने में सक्षम हुए और उन्हें अपार सफलता मिली। अपनी वाक् पटुता, गायन प्रतिभा और संप्रेषण के द्वारा कुमार विश्वास को अंतरराष्ट्रीय ख्याति मिली। देश के सबसे अधिक कमाने वाले कवि हुए।

हिंदी मंच के लोकप्रिय कवि

इस प्रकार कुमार विश्वास को पूरा पूरा श्रेय जाता है हिंदी की पुनर्स्थापना करने के लिए। विषय को आगे बढ़ाने का प्रशंसनीय कार्य किया। आज की मुख्य प्रवक्ता डॉ अर्चना पांडेय जी ने। आप रक्षा मंत्रालय के राजभाषा विभाग से संबद्ध हैं और नगर के युवा साहित्यकारों में एक सशक्त हस्ताक्षर हैं। आपने कुमार विश्वास की कविताओं के उद्धरण देते हुए बताया कि किस प्रकार कुमार विश्वास जी ने युवा वर्ग को सही रूप से कविता के साथ जोड़ने का स्तुत्य प्रयास किया है। अर्चना जी ने बताया कि इंजीनियरिंग की पढ़ाई बीच में छोड़ कर कुमार विश्वास ने हिंदी की ओर रुख किया और शीघ्र ही हिंदी मंच के लोकप्रिय कवि बने। आपने कवि मंच के साथ संगीत को भी जोड़ा और एक सफल संचालक के रूप में अनगिनत मंचों का संचालन भी किया।

डॉ श्याम मनोहर सीरोठिया जी की कुमार विश्वास जी पर विशेष प्रस्तुति

डॉ श्याम मनोहर सीरोठिया जी ने कुमार विश्वास जी पर एक विशेष प्रस्तुति में एक गीत प्रस्तुत किया जिसे एक राष्ट्रीय कार्यक्रम में प्रथम पुरस्कार से सम्मानित किया गया। सभा में उपस्थित ज्योति नारायण जी ने बताया कि कई वर्ष पूर्व उन्हें किसी कार्यक्रम में कुमार विश्वास जी के साथ मंच साझा करने का अवसर मिला था। डॉ सुरभि दत्त जी ने बताया कि एक कवि जब तक समाज के हर आयु वर्ग के साथ नहीं जुड़ता वह जन कवि नहीं होता। सुरभि जी ने यह भी बताया कि कुमार विश्वास जी दिनकर जी, निराला जी और अन्य वरिष्ठ कवियों की कविताओं को भी पुनःस्थापन किया। गीता अग्रवाल जी ने भी बताया कि उन्हें कुमार विश्वास जी की कविताओं ने बहुत कुछ काव्य से जोड़े रखा है।

प्रदीप भट्ट जी ने पुराने अनुभवों को किया ताजा

प्रदीप भट्ट जी ने भी अपने पुराने अनुभवों को ताजा करते हुए बताया कि जब कुमार विश्वास नये नये थे तब भी उनका प्रस्तुतिकरण युवाओं को आकर्षित करता था। हमारे नये युवा साथी रमाकांत श्रीवास ने भी कुमार विश्वास की कविताओं के लिए बड़े उत्साह पूर्वक चर्चा की। इस प्रकार कुमार विश्वास जी के बहुआयामी व्यक्तित्व की चर्चा के साथ प्रथम सत्र का समापन हुआ।

डॉ राजीव सिंह जी का संचालन

डॉ राजीव सिंह जी ने बड़ी कुशलता पूर्वक संचालन करते हुए द्वितीय सत्र का आरंभ किया। परंपरागत रूप से हर बार द्वितीय सत्र में सभी उपस्थित कवि गण अपनी अपनी कविता का पाठ करते हैं। एक प्रबुद्ध वर्ग के श्रोताओं और कवियों के समूह में कवि गोष्ठी का आयोजन बड़े ही जीवंत रूप में जारी रहा। कवि गोष्ठी का आरंभ हुआ मोहिनी गुप्ता जी के शृंगार गीत के साथ। तत्पश्चात् रवि वैद ने अपनी शानदार नज़्म पढ़ी। और पटल की सुसम्मानित डॉ सुमन लता जी ने बाल श्रम पर कविता का पाठ किया।

डॉ सुरभि दत्त जी का काव्य पाठ

डॉ सुरभि दत्त जी ने प्रकृति निरूपण पर काव्य पाठ किया। डॉ अर्चना पांडेय जी की ग़ज़ल, तुम्हारा चेहरा, ने श्रोताओं का मन मोह लिया। उमा सोनी जी ने ग़ज़ल पढ़ी। चंद्र प्रकाश दायमा जी ने मजदूर और उनकी यातना पर एक व्यंग्य रचना पढ़ी। हमारी युवा कवियित्री वर्षा शर्मा ने नये तेवर में नज़्म पढ़ी। प्रदीप भट्ट जी की रचना, वही मैं हूँ, भी बहुत पसंद की गई। ज्योति नारायण जी की, एक परी ने सबका मन मोह लिया।

रज़ा गाजीपुरी की ग़ज़ल

रज़ा गाजीपुरी जी की ग़ज़ल ने फिर समाँ बाँधा। शिवशंकर प्रसाद जी ने बड़े ही सधे हुए अंदाज में दोहे सुनाए। गीता अग्रवाल जी ने जीवन कोष पर रचना पाठ किया। आज के मुख्य अतिथि डॉ श्याम मनोहर सीरोठिया जी ने मनमोहक दोहे से आरंभ करते हुए श्रोताओं को मनमोहक गीतों तक पहुँचा दिया। आपके गीतों ने जादू का सा असर किया। तत्पश्चात् आज के कुशल संचालक और नगर के सशक्त युवा ग़ज़लकार डॉ राजीव सिंह जी ने आज के सामाजिक सरोकार पर ग़ज़ल पढ़ी। हर शेर दाद मिली। अंत में सुनीता लुल्ला जी ने माँ पर कुछ दोहे पढ़े और एक शृंगार गीत पर समापन किया। हमारे वरिष्ठ साथी अवधेश सिन्हा जी और युवा साथी तृप्ति मिश्रा जी स्वास्थ्य कारणों से कुछ समय पूर्व ही ऑफ लाइन हो गये।

काव्य स्तर उत्कृष्टता की ओर अग्रसर

अंत में अध्यक्षीय समापन भाषण में नीरज कुमार जी ने संचालक और सभी साथियों की प्रशंसा करते हुए बताया कि दिन पर दिन समिति के साथियों का काव्य स्तर उत्कृष्टता की ओर अग्रसर है। आपने आशा जाहिर की कि आने वाले किसी समय में एक बड़े पैमाने पर काव्यपाठ का आयोजन किया जायेगा। धन्यवाद ज्ञापन किया हमारी सदैव सक्रिय साथी गीता अग्रवाल जी ने। आपने हर कवि का नाम लेते हुए उनकी कविताओं की बात करते हुए अत्यंत ही सहृदयता के साथ धन्यवाद ज्ञापन किया। एक सफल गोष्ठी का इस प्रकार समापन हुआ।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Recent Posts

Recent Comments

    Archives

    Categories

    Meta

    'तेलंगाना समाचार' में आपके विज्ञापन के लिए संपर्क करें

    X