हैदराबाद : केंद्रीय साहित्य अकादमी पुरस्कार ग्रहिता और जाने-माने कवि व लेखक निखिलेश्वर ने कहा कि तेलुगु राज्यों की सरकारें कवि और लेखकों को खरीदी कर शक्तिहीन बना रही हैं। रविवार को दिल्ली में आंध्रा एसोसिएशन की ओर से निखिलेश्वर का सम्मान किया गया।
इस अवसर पर सभा को संबोधित करते हुए निखिलेश्वर ने गंभीर टिप्पणी की। उन्होंने कहा कि दोनों तेलुगु राज्यों में कवि और लेखकों की विकट स्थिति है। आधे कवि और लेखक राह भटक रहे हैं। पद और सत्ता के लिए बिक रहे हैं।
मुख्य रूप से तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव लेखक और कवि को खरीद रहे हैं। प्रजा गायक गोरटी वेंकन्ना को एमएलसी पद दिया गया है। सुद्दाल अशोक तेजा जैसे गायक और साहित्यकार तरिमेला नागिरेड्डी की जितनी प्रशंसा करते हुए लिख सकते हैं, उतनी ही केसीआर की भी प्रशंसा करते हुए लेखन कर सकते हैं।
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साहित्य पुरस्कार ग्रहिता ने सुझाव दिया कि लेखक के आत्मसम्मान को ठेस नहीं पहुंचना चाहिए। केसीआर बहुत चतुर व्यक्ति है। संस्कृति, भाषा और क्षेत्रवाद का इस्तेमाल करके अनेक लोगों को अपनी खींच लिया है। आंध्र प्रदेश में मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी भी केसीआर के नक्शे कदम पर चल रहे हैं। आज के शासक किसी को भी खरीद सकते हैं और उनके साथ कुछ भी किया जा सकता है।
निखिलेश्वर ने कहा कि मैंने कभी भी पुरस्कारों के लिए हाथ नहीं बढ़ाया है। जो भी पुरस्कार मिले है वो अपने आप आये हैं। उसी तरह केंद्रीय साहित्य अकादमी पुरस्कार भी मिला है। उन्होंने कहा कि जब तक धरती पर गरीबी रहेगी, तब तक मार्क्सवाद वैज्ञानिक तरीके से उसका समाधान करेगी।
वरिष्ठ पत्रकार और कवि ए कृष्ण राव ने निखिलेश्वर का परिचय देते हुए उन्होंने बताया कि दिगंबर कविता अभी भी आधिनिक है और तत्कालीन दिगंबर कवियों द्वारा उठाये गये सवाल अभी भी मूल्यवान हैं। इस अवसर पर रेडियो प्रस्तोता कंदुकुरी सूर्यनारायण, आंध्रा एसोसिएशन के सचिव कोटगिरी सत्यनारायण, राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय के कुलपति श्रीकृष्ण देवराव और अन्य उपस्थित थे।
आपको बता दें कि शनिवार शाम को दिल्ली में वर्ष 2020 के लिए 24 भाषाओं में लेखकों को केंद्रीय साहित्य अकादमी पुरस्कार प्रदान किये गये। इनमें प्रमुख तेलुगु कवि और लेखक निखिलेश्वर को “अग्निश्वास” लेखन के लिए पुरस्कार मिला है। निखिलेश्वर ने न केवल तेलुगु में बल्कि हिंदी और अंग्रेजी में भी लेखन किया है। ज्वालामुखी, नग्नमुनि, चेरबंडराजू, महास्वप्न, भैरवय्य जैसे दिगंबर कवियों में निखिलेश्वर एक है। उनका असली नाम के यादव रेड्डी है।