हैदराबाद: साहित्य गरिमा पुरस्कार समिति, ऑथर्स गिल्ड ऑफ़ इंडिया, हैदराबाद चैप्टर एवं कादम्बिनी क्लब हैदराबाद के संयुक्त तत्वावधान में साहित्य गरिमा पुरस्कार समारोह का भव्य आयोजन (अबोड होटल, लकड़ी का पुल) किया गया। साहित्य गरिमा पुरस्कार की संस्थापक अध्यक्ष डॉ अहिल्या मिश्रा, महासचिव डॉ रमा द्विवेदी एवं कादम्बिनी क्लब की कार्यकारी संयोजिका मीना मुथा ने संयुक्त विज्ञप्ति में बताया कि इस अवसर पर प्रथम सत्र में मुख्य अतिथि महासहस्त्रावधानि गरिकिपाटि डॉ नरसिम्हा राव, कार्यक्रम अध्यक्ष प्रो शुभदा वांजपे, डॉ अहिल्या मिश्र (संस्थापक अध्यक्ष), साहित्यकार अनंत कदम, डॉ अमिता दुबे, श्रीमती शांति अग्रवाल मंचासीन हुए। अतिथियों द्वारा दीप प्रज्ज्वलित किया गया एवं शुभ्रा मोहन्तो की सरस्वती वंदना प्रस्तुति से कार्यक्रम का शुभारम्भ हुआ।
संस्था की अध्यक्ष डॉ अहिल्या मिश्र ने स्वागत भाषण दिया एवं मुख्य अतिथि डॉ नरसिम्हा राव एवं अध्यक्ष प्रो शुभदा वांजपे द्वितीय सत्र अध्यक्ष प्रो ऋषभदेव शर्मा का परिचय दिया। डॉ आशा मिश्रा `मुक्ता’ (कोषाध्यक्ष) ने विशिष्ट अतिथि डॉ अमिता दुबे, अनंत कदम एवं श्रीमती शांति अग्रवाल का परिचय दिया। सभी अतिथियों का सम्मान शॉल, माला एवं स्मृति चिन्ह डॉ अहिल्या मिश्र, डॉ रमा द्विवेदी, प्रवीण प्रणव, मीना मुथा डॉ आशा मिश्र, डॉ रेखा शर्मा, डॉ गोपाल शर्मा, डॉ सुमन लता, डॉ टी वसंता, जितेंद्र प्रकाश, के राजन्ना, डॉ संगीता शर्मा, सुरेश गुगलिया, समस्त कार्यकारिणी सदस्य एवं सभा में उपस्थित सदस्यों द्वारा किया गया।
संस्था की महासचिव डॉ रमा द्विवेदी ने संस्था का परिचय एवं प्रतिवेदन प्रस्तुत करते हुए कहा कि साहित्य गरिमा पुरस्कार महिला लेखन को प्रोत्साहित करने एवं प्रतिष्ठित करने हेतु दिया जाता है एवं अगले वर्ष इसकी सीमाओं में वृद्धि की जाएगी। इस वर्ष अखिल भारतीय लेखक / लेखिकाओं के लिए हिंदी की विविध विधाओं पर आधृत पुरस्कार आरम्भ किये गये हैं। डॉ वीणा मेदनी का परिचय डॉ सुषमा देवी (कार्यकारिणी सदस्य) ने एवं डॉ प्रणव भारती का परिचय डॉ सुपर्णा मुखर्जी ने दिया। कहानी विधा, साहित्य गरिमा पुरस्कार- 2022 वीणा मेदनी (बेंगलुरु) की कहानी पुस्तक शहीद की पत्नी एवं अन्य कहानियां' एवं उपन्यास विधा, साहित्य गरिमा पुरस्कार- 2023 डॉ प्रणव भारती (अहमदाबाद) के उपन्यास
‘प्रेम न हाट बिकाय’ को प्रदान किये गए। पुरस्कार स्वरूप शॉल, माला, स्मृति चिन्ह, सम्मान-पत्र एवं इक्कीस-इक्कीस हजार की धन राशि देकर पुरस्कार ग्रहीताओं को सम्मानित किया गया |
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डॉ वीणा मेदनी ने कहा कि संस्था की गतिविधियों से प्रभावित हूँ। उन्होंने संस्था के प्रति आभार व्यक्त किया। डॉ प्रणव भारती जी ने अपने वक्तव्य में कहा कि संस्था द्वारा प्रदत्त यह पुरस्कार निश्चित ही मेरे लिए प्रेरणा श्रोत है। उन्होंने समिति के सभी सदस्यों के प्रति आभार व्यक्त किया। इस अवसर पर अन्य नौ प्रायोजित पुरस्कार के अंतर्गत साहित्यकार लाल्टू, के सत्यनारायण, देवा प्रसाद मयला, बी एल आच्छा, डॉ राशि सिन्हा, लेखक मोहित, डॉ दत्ता शिवराम साकोले, चंद्र प्रकाश दायमा (पुत्र-पुत्र वधू कुणाल मेघा) एवं रंजिता मिश्री को पुरस्कृत किया गया।
साहित्यकार लाल्टू का परिचय दीपक दीक्षित, के सत्यनारायण का परिचय डॉ वी श्रीलक्ष्मी, देवा प्रसाद मयला का परिचय डॉ अर्चना पांडे, बी एल आच्छा का परिचय डॉ सुरभि दत्त (संयुक्त मंत्री), डॉ राशि सिन्हा का परिचय एफ एम सलीम, लेखक मोहित का परिचय शिल्पी भटनागर (सह कार्यदर्शी), डॉ दत्ता शिवराम साकोले का परिचय तृप्ति मिश्रा (कार्यकारिणी सदस्य), चंद्र प्रकाश दायमा का परिचय भगवती अग्रवाल (कार्यकारिणी सदस्य), रंजिता मिश्रा का परिचय डॉ कृष्णा सिंह, शुभ्रा मोहन्तो का परिचय परमेश्वर ने प्रस्तुत किया। प्रायोजक प्रदीप दत्त का परिचय एफ एम सलीम ने दिया। सभी पुरस्कार ग्रहीताओं को पुरस्कार स्वरूप क्रमशः 15000 रुपये (तीन पुरस्कार), 11000 रुपये (दो पुरस्कार) एवं 5100 रुपये (चार पुरस्कार), शॉल, माला, स्मृति चिह्न, सम्मान-पत्र देकर सम्मानित किया गया। समस्त पुरस्कार ग्रहीताओं ने अपने विचार व्यक्त किए एवं संस्था के प्रति आभार व्यक्त किये।
इस अवसर पर पुरस्कार प्रायोजक प्रदीप दत्त, सुश्री शुभ्रा मोहंतो का भी सम्मान किया गया। अध्यक्ष प्रो ऋषभदेव शर्मा, डॉ गंगाधर वानोडे, प्रवीण प्रणव, एफ एम सलीम, डॉ राजीव सिंह, मानवेन्द्र मिश्र एवं डॉ आशा मिश्रा, अजित गुप्ता, वेणुगोपाल भट्टड़, मीना मुथा, डॉ रमा द्विवेदी एवं पुलिनअग्रवाल का भी सम्मान किया गया | साहित्य गरिमा पुरस्कार एवं समस्त नौ पुरस्कार मुख्य अतिथि महासहस्त्रावधानि डॉ गरिकिपाटि नरसिंहा राव एवं सभी अतिथियों के करकमलों द्वारा प्रदान किए गए।
मुख्य अतिथि ने अपने वक्तव्य में इस भव्य समारोह की सराहना की एवं शिव तांडव स्रोत्र प्रस्तुत करके सबका दिल जीत लिया। विशिष्ट अतिथि डॉ अमिता दुबे ने कहा कि मेरा सौभाग्य है कि विशिष्ट अतिथि के रूप में आमंत्रित हूँ। उन्होंने भव्य कार्यक्रम हेतु संस्था के सभी सदस्यों को बधाई दी। शांति अग्रवाल ने कहा कि जीवन के इस उपवन में साहित्य का सूरज सदा चमकता रहे। विशिष्ट अतिथि अनंत कदम ने कहा कि माता-पिता के नाम से पुरस्कार हो यह हार्दिक इच्छा रही और मेरा यह संकल्प आज इस अनुष्ठान में पूर्ण हुआ है।
प्रो शुभदा वांजपे ने अध्यक्षीय उद्बोधन में कहा कि साहित्य साधना और संगीत साधना की यह यात्रा निश्चित ही सराहनीय है। सभी मान्यवर पुरस्कार ग्रहीताओं को और प्रायोजकों को बधाई दी, जिनका साहित्य सृजन के प्रति चिंतन सराहनीय है। हिंदी व तेलुगु के साथ लगभग भाषाओं का ख्याल रखा गया है। प्रबंध न्यासी मानवेन्द्र मिश्र ने कार्यक्रम की सराहना की एवं सभी पदाधिकारियों एवं सदस्यों को शुभकामनाएँ प्रेषित कीं। प्रथम सत्र का बहुत ही शानदार संचालन वरिष्ठ पत्रकार एफ एम सलीम ने किया एवं आभार प्रदर्शन डॉ राजीव सिंह ने किया।
दूसरे सत्र में बहुभाषी काव्यगोष्ठी का आयोजन किया गया। इसका संचालन सुश्री मीना मुथा (उपाध्यक्ष) ने किया। इस अवसर पर अध्यक्ष प्रो ऋषभदेव शर्मा, डॉ गंगाधर वानोडे, साहित्यकार अनंत कदम (उदगीर) लेखक गोपाल कुमार (विश्व भारती शांति निकेतन,पश्चिम बंगाल) लेखक बी एल आच्छा (चेन्नई) डॉ अमिता दुबे (लखनऊ) डॉ अहिल्या मिश्र, डॉ वीणा मेदनी (बेंगलुरु) अजित गुप्ता, वेणु गोपाल भट्टड मंचासीन हुए। इस अवसर पर पुष्पक साहित्यिकी पत्रिका का एवं डॉ सुषमा देवी के काव्य संग्रह उन्मुक्ता' का लोकार्पण हुआ। पुष्पक साहित्यिकी का परिचय प्रवीण प्रणव (संपादक) एवं
उन्मुक्ता’ काव्य संग्रह का परिचय डॉ अमिता दुबे ने दिया।
तत्पश्चात उपस्थित रचनाकारों ने विविध भाषाओं में, हिंदी, मराठी, राजस्थानी, सिंधी, तेलुगु, भोजपुरी इत्यादि भाषाओँ में रचनाएँ प्रस्तुत की हैं। कवि अलका चौधरी, भावना पुरोहित, उमेश चंद्र श्रीवास्तव, पुरुषोत्तम कड़ेल, सीताराम माने ,लीला बजाज, विनोद गिरि अनोखा, सुनीता लुल्ला, सविता सोनी, शोभा देशपांडे, इंदु सिंह, शिव कुमार तिवारी, पूनम जोधपुरी, पुष्पा वर्मा, अमीना (अमेरेनिया) वाहिम (अफगानिस्तान) दयाशंकर प्रसाद, मोहित, रोहित, स्वाति गुप्ता, ममता जायसवाल, वीणा मेदिनी, आर्या झा, सष्मिता नायक, अंकिता तिवारी, गीता अग्रवाल, सुहास भटनागर, डॉ दत्ता साकोले, तरुणा, वर्षा शर्मा, डॉ राजीव सिंह, सूरज कुमारी गोस्वामी, उमा सोनी, बी एल आच्छा ,अनंत कदम, डॉ गंगाधर वानोडे,गोपाल कुमार, अजित गुप्ता, वेणु गोपा भट्टड और अन्य ने काव्य पाठ किया।
प्रो ऋषभ शर्मा ने अध्यक्षीय उद्बोधन में कहा कि यह एक अनूठा आयोजन है। इस सारस्वत अनुसंधान में समिधा समर्पित करने का मुझे अवसर मिला, मैं सौभाग्यशाली हूँ। डॉ अहिल्या के नेतृत्व में सभी ने अपनी – अपनी भूमिका का सफलतम निर्वाह किया। आगे आने वाले समय में हम पुरस्कार हेतु और सीमाएं बढ़ाएंगे। उन्होंने अपनी शुभकामनाएँ प्रेषित की और अध्यक्षीय काव्यपाठ किया। श्रीमती शांति अग्रवाल (विशेष संरक्षक/ पुरस्कार प्रायोजक) एवं पुलिन अग्रवाल के सौजन्य से भोजन एवं अल्पाहार की व्यवस्था बहुत उत्तम एवं सराहनीय रही है। इस अवसर पर प्रदीप कुमार, मयूर पुरोहित, बंसल दम्पति, गीता प्रकाशक, पुरस्कार ग्रहीताओं के परिवार जन एवं अनेक साहित्य प्रेमियों की उपस्थिति रही है। सुश्री मीना मुथा के आभार ज्ञापन से कार्यक्रम समाप्त हुआ।