हैदराबाद : तेलंगाना के हुजूराबाद में उपचुनाव का माहौल गरमाता जा रहा है। पूर्व मंत्री ईटेला राजेंदर के इस्तीफे के चलते हुजूराबाद उपचुनाव अनिवार्य हो गया है। गौरतलब है कि केसीआर ने ईटेला को भूमि हड़पने के आरोप के चलते पार्टी से बर्खास्त कर दिया था। तेलंगाना आंदोलन में साथ रहने वाले ईटेला ने केसीआर की नीतियों के खिलाफ आवाज उठाई। अब वे बीजेपी की ओर से चुनाव लड़ रहे हैं।
कहा जा रहा है कि केसीआर के लिए हुजूराबाद उपचुनाव जनमत संग्रह बन गया है। इस उपचुनाव को लेकर लोगों में भी काफी उत्साह है। सत्तारूढ़ टीआरएस ने पहले ही ईटेला राजेंदर के खिलाफ अपने उम्मीदवार की घोषणा की है। उन्होंने ने तेलंगाना आंदोलन में भाग ले चुके छात्रों के युवा नेता को चुनावी मैदान में उतारा है। अब अपने उम्मीदवार की जीत के लिए सर्वस्व निछावर कर रहे हैं।
दूसरी ओर रेवंत रेड्डी के टीपीसीसी अध्यक्ष नियुक्त किये जाने के बाद से कांग्रेस पार्टी में भी नया जोश आ गया है। कांग्रेस भी शक्तिशाली उम्मीदवार की तलाश कर रही है। राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि पूर्व मंत्री कोंडा सुरेखा को अपना उम्मीदवार बनाया जाएगा। मगर कोंडा ने आलाकमान के सामने कुछ मांगे रखी है। उनकी मांगों को लेकर कांग्रेस पार्टी में विचार विमर्श जारी है।
इसी बीच वाईएसआर तेलंगाना पार्टी की अध्यक्ष वाईएस शर्मिला ने भी हुजूराबाद चुनावी मैदान में होने की घोषणा की है। उन्होंने हुजूराबाद उपचुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया है। शर्मिला की घोषणा से राजनीतिक हल्कों में हड़कंप मच गया है।
वाईएस शर्मिला ने मीडिया से कहा कि तेलंगाना आंदोलन का नेतृत्व करने वाले छात्रों ने 4 करोड़ लोगों की आकांक्षाओं को पूरा किया है। मगर पृथक तेलंगाना गठन के बाद उन छात्रों को निराशा ही हाथ लगी है। वाईएस शर्मिला ने बताया कि वाईएसआरटीपी पढ़े-लिखे बेरोजगार युवकों की नौकरियों की अधिसूचना के लिए तेलंगाना में आंदोलन शुरू किया है।
उन्होंने आगे कहा कि मुख्यमंत्री केसीआर को सबक सिखाने के लिए हुजूराबाद उपचुनाव में बेरोजगार युवकों को चुनावी मैदान में उतारने का फैसला लिया है। पढ़े-लिखे बेरोजगारों के हाथों सैकड़ों नामांकन दाखिल करके केसीआर का गर्दन झुकाया जाएगा।