महिला आत्मकथा लेखन पर डॉ अहिल्या मिश्र का एक विस्तृत लेख ए असफल के संपादन में ग्वालियर से प्रकाशित होने वाली त्रैमासिकी पत्रिका ‘किस्सा कोताह’ के अक्टूबर-दिसंबर 2022 अंक में प्रकाशित हुई थी। इस पर तेलंगाना के प्रतिष्ठित हिंदी कहानीकार एन आर श्याम की विस्तृत समीक्षा ‘तेलंगाना समाचार’ में हाल ही में आयी थी।
किस्सा कोताह पत्रिका के अलावा ए असफल ‘किस्सा-कोताह’ नाम से एक व्हाट्सप्प ग्रूप भी चलाते हैं जिससे हिंदी के नवलेखकों के साथ-साथ नामी-गिरामी लेखक भी बड़ी संख्या में जुड़े हुए हैं। इसमें सदस्यों के लेख, कहानी, कविता, तितोपार्ज आदि प्रकाशित होते रहते हैं। प्रत्येक रचना पर विस्तृत चर्चा होती है। जिससे लेखकों को सही मार्गदर्शन मिलता है।
तेलंगाना समाचार में आयी उक्त समीक्षा को असफल जी ने किस्सा-कोताह ग्रुप में निम्न टिप्पणी से फॉरवर्ड किया-
“यह लेख पत्रिका के अक्टूबर-दिसंबर 2022 अंक में प्रकाशित किया गया। इस लेख पर तेलंगाना समाचार में लेखक, समीक्षक एन आर श्याम की समीक्षा प्रकाशित हुई। इस पर पाठक, लेखक व बुद्धिजीवियों की जबरदस्त प्रतिक्रिया आई है। “अगर आप लोगों ने लेख नहीं पढ़ा है तो कृपया उसे पढ़ लें। यह हमारे समय का एक दस्तावेज है।”
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इस पर ग्रूप सदस्यों से बड़ी संख्या में टिप्पणियां प्राप्त हुई हैं। खुदैजा खान लिखती हैं- “एन आर श्याम का लिखा पढ़ लिया है। सारगर्भित प्रतिक्रिया। अहिल्या जी को नहीं पढ़ा है। उस पर पढ़कर लिखती हूं।” बलबीर पाल लिखते है- “श्याम जी ने बहुत अच्छा विश्लेषण किया है। बहुत बहुत बधाई।” पवन शर्मा लिखते हैं- “अभी-अभी मैंने भी पढ़ा है… बेहतरीन विश्लेषण है।”
इसी क्रम में गीता चौबे की टिप्पणी है- “मैंने भी पढ़ा है। स्त्री आत्मलेखन पर अच्छा विश्लेषण…।” वहीँ नीलिमा करया जी लिखतीं हैं- “एन आर श्याम को पढ़ा है। तगड़ी प्रतिक्रिया है…।” उन्होंने अहिल्या जी का लेख अस्पष्ट होने के कारण न पढ़ पाने की बात कही। इस पर असफल जी ने उन्हें वह लेख व्हाट्सप्प पोस्टिंग में न पढ़कर पत्रिका में पढ़ने का सुझाव दिया।