हैदराबाद: तेलंगाना में विपक्षी विधायक सत्तारूढ़ टीआरएस में शामिल हो जाने या विधानसभा क्षेत्रों में उपचुनाव होने पर ही विकास कार्यों के लिए निधि नहीं मिलने के आरोपों की बीच कांग्रेस पार्टी के विधायक कोमटिरेड्डी राजगोपाल रेड्डी (Komatireddy Raj Gopal Reddy) ने विधायक और कांग्रेस पार्टी पद से इस्तीफा दिया है। विधानसभा अध्यक्ष के फैसले के बाद मुनुगोडु उपचुनाव अनिवार्य हो गया है। ऐसे समय में उपचुनाव पर तीन मुख्य दल मुनुगोडु उपचुनाव से पहले अपनी-अपनी रणनीति तैयारी करने में जुट गये हैं। कांग्रेस को अलविदा कहने वाले कोमटिरेड्डी इस महीने की 7 तारीख को भाजपा में शामिल होने वाले है। मुनुगोडु में हर हाल में जीत का परचम लहराने के लिए सत्तारूढ़ टीआरएस सरकार के फैसलों के साथ आगे बढ़ रही है।
अब तक विकास कार्यों के लिए धन राशि जारी नहीं होने वाले नलगोंडा जिले के मुनुगोडु निर्वाचन क्षेत्र के लिए अब तेजी से धन राशि की बाढ़ आने वाली हैं। तेलंगाना के अन्य निर्वाचन क्षेत्रों की तरह अब तक इस निर्वाचन क्षेत्र में कोई विकास कार्य नहीं हुआ है। नागार्जुनसागर उपचुनाव के दौरान सीएम केसीआर द्वारा घोषित धनराशि भी मुनुगोडु को मंजूर नहीं हुई है। लेकिन अब कोमटिरेड्डी के इस्तीफे के चलते लंबित धनराशि को मुक्ति मिलने वाली है।
उस समय सीएम केसीआर ने घोषणा की थी कि नागार्जुन सागर उपचुनाव में टीआरएस उम्मीदवार (नोमुला भगत) को जीतने के लिए नलगोंडा जिले के प्रत्येक ग्रामपंचायत के लिए 20 लाख रुपये और प्रति मंडल को 30 लाख रुपये की विकास राशि आवंटित की जाएगी। मुख्यमंत्री के वादे के मुताबिक जिले के 844 ग्राम पंचायतों को 168.80 करोड़ रुपये और 31 मंडलों को 9.30 करोड़ रुपये आवंटित करते हुए जून 2021 में जीओ (नंबर 232) जारी किया गया था। इसी के तहत मुनुगोडु निर्वाचन क्षेत्र के 157 ग्राम पंचायतों और छह मंडल को कुल 33.20 करोड़ रुपये जारी किया जाना है। लेकिन अब तक एक पैसा भी नहीं दिया गया।
आरोप है कि सत्तारूढ़ टीआरएस ने इस निर्वाचन क्षेत्र के लिए इसलिए धन जारी नहीं की कि है कि कांग्रेस पार्टी के राजगोपाल रेड्डी मुनुगोडु के विधायक के रूप में प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। राजगोपाल रेड्डी ने निर्वाचन क्षेत्र के प्रतिनिधियों के साथ धन प्राप्त करने के लिए कई बार जिलाधीश के पास आवेदन किया। लेकिन संतोषजनक जवाब नहीं मिला। इसके चलते उन्होंने इस मामले को छोड़ दिया गया।
हाल ही में राजगोपाल रेड्डी ने विधायक पद से इस्तीफा दे दिया और मुनुगोडु उपचुनाव अनिवार्य हो गया है। इसके चलते सत्तारूढ़ टीआरएस ने निर्वाचन क्षेत्र में विकास कार्यों और अतीत में दिए गए वादों के कार्यान्वयन पर ध्यान केंद्रित किया है। इसी के तहत पिछले चुनाव से लंबित गट्टुप्पल मंडल के गठन का वादा हाल ही में पूरा किया गया है। इसके अलावा सीएम द्वारा पूर्व में घोषित 33.20 करोड़ रुपये की धनराशि जारी करने के लिए तैयारी की जा रही है। इनके अलावा आने वाले दिनों में और धनराशि जारी होने की उम्मीद है।
राजगोपाल रेड्डी के इस्तीफे दिये जाने की भनक पार्टी को लगते ही संयुक्त नलगोंडा जिला मंत्री जगदीश रेड्डी ने टीआरएस के नेताओं को मुनुगोडु में विकास कार्यों के संबंध में प्रस्ताव भेजने का निर्देश दिया था। कुल मिलाकर बीते दिनों में हुजूराबाद उपचुनाव के दौरान जिस तरह से विकास की निधि की बाढ़ आई थी, उसी तरह मुनुगोडु में भी निधि की बाढ़ आने वाली है। कोमटिरेड्डी ने जो चाहा था, अब सीएम केसीआर सरकार वही करने जा रही है। अब देखना है इसका नतीजा क्या निकलता है। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि इस घटिया राजनीतिक के दांवपेच में जनता का पैसा बर्बाद होने वाला है। जनता को इस उपचुनाव से कोई लेना-देना नहीं है। जबरन उनके माथे पर थोपा जा रहा है।