ऑथर्स गिल्ड ऑफ़ इंडिया का 46वाँ अधिवेशन, ‘भारतीय ज्ञान परंपरा में राष्ट्रीय चेतना’ विषय पर इन वक्ताओं ने किया संबोधित

हैदराबाद: ऑथर्स गिल्ड ऑफ़ इंडिया (लेखकों की संस्था) नई दिल्ली, काशी विश्वविद्यालय एवं सुलभ इंटरनेशनल नई दिल्ली की संयुक्त तत्वावधान में विगत दिनों विराट 46वाँ अधिवेशन ‘भारतीय ज्ञान परंपरा में राष्ट्रीय चेतना’ विषय पर अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी एवं बहुभाषी कवि सम्मेलन का आयोजन वाराणसी शहर के अंतरराष्ट्रीय शिक्षण प्रशिक्षण सभागार में संपन्न हुआ। मुख्य अतिथि काशी हिंदू विश्वविद्यालय हिंदी विभागाअध्यक्ष प्रो वशिष्ठ द्विवेदी अनूप, विशेष अतिथि के तौर पर डॉक्टर उदय प्रताप सिंह (पूर्व अध्यक्ष हिंदुस्तानी अकादमी प्रयाग राज) एवं डॉ सुनील बी कुलकर्णी (निदेशक केंद्रीय हिंदी संस्थान, आगरा) तथा AGI के अध्यक्ष डॉक्टर श्याम सिंह शशि (पद्मश्री) वरिष्ठ साहित्यकार मंचासीन हुए।

संस्था के पूर्व अध्यक्ष एवं संरक्षक डॉ बिन्देश्वरी पाठक को श्रद्धांजलि देते हुए दीप प्रज्वलन के साथ से कार्यक्रम आरंभ किया गया। देश एवं विदेश से पधारे करीब 150 साहित्यकारों की उपस्थिति में कार्यक्रम के उद्घाटन सत्र का संचालन संस्था के महासचिव डॉक्टर शिवशंकर अवस्थी ने किया। सभी अतिथियों ने यह स्वीकारा की लेखनी को राष्ट्र के साथ जोड़कर देखना चाहिए। स्वतंत्रता आंदोलन में क्रांतिकारियों का जितना महत्व रहा है उतना ही लेखकों साहित्यकारों का भी रहा है। संयोजक डॉक्टर अशोक ज्योति ने सभी का स्वागत किया।

द्वि दिवसीय संगोष्ठी के प्रथम सत्र की अध्यक्षता डॉक्टर अहिल्या मिश्र हैदराबाद ने किया। संचालन डॉक्टर किरण पोपकर (गोवा) ने किया। इसमें प्रपत्र पढ़ने वाले डॉ नेहा भंडारकर (नागपुर), दीपक दीक्षित (हैदराबाद), अशोक पांडया, अशोक अश्रु (आगरा), लक्ष्मण प्रसाद डहरिया (छिंदवाड़ा), डॉ राजलक्ष्मी कृष्णन (चेन्नई), डॉ अपराजिता शर्मा (उत्तर प्रदेश), श्रुति सिन्हा (आगरा) ने ‘महात्मा गांधी एवं राष्ट्रीय चेतना’ विषय पर प्रपत्र प्रस्तुत किए। डॉक्टर अहिल्या मिस्र ने अपने अध्यक्षीय टिप्पणी में कई उदाहरण देते हुए राष्ट्रीय चेतना की बात की एवं नई पीढ़ी में इसकी विस्तार की ओर संकेत किया।

पंचम सत्र 3 सितम्बर को आरंभ हुआ। इसकी अध्यक्षता प्रो. सुमन जैन एवं डॉ आशा मिश्रा ‘मुक्ता’ के संचालन में ‘स्वतंत्रता संग्राम एवं राष्ट्रीय चेतना’ विषय पर प्रस्तुत किया गया है। डॉ उषा दुबे (जबलपुर), डॉ नलिनी सिंह, डॉ पंकज कुमार सोनी, सुश्री सरिता यादव सुश्री साम्यता ने विषयों पर अपनी बात रखी। समापन सत्र में नॉर्वे से पधारे साहित्यकार डॉ सुरेश चंद्र शुक्ल के साथ डॉक्टर सदानंद शाही (पूर्व कुलपति शंकराचार्य प्रोफ़ेशनल यूनिवर्सिटी, भिलाई छत्तीसगढ़) एवं प्रवासी संसार के संपादक डॉ राकेश पांडेय मंचासीन हुए। शिवशंकर अवस्थी महासचिव ने संगोष्ठी का सार संक्षेपण प्रस्तुत किया।

इस अवसर पर एक बहुभाषी कवि सम्मेलन भी डॉ अहिल्या मिस्र की अध्यक्षता में सम्पन्न हुआ। इसमें एजीआई हैदराबाद चैप्टर से पधारे सदस्य अजित गुप्ता, ज्योति नारायण, शिल्पी भटनागर जी जगदीश्वर (नईदिल्ली), मोना वर्मा, राय बहादुर सिन्हा, नागपुर के सुधा कासिब, कृष्ण कुमार द्विवेदी, आगरा के राजेंद्र मिलन, सुशील सरिता तेज़ी सिंह, मीना गुप्ता, केरल की ए के संध्या, रामादेवी, लखनऊ की उपमा आर्य, रमा वर्मा, श्याम, बनारस के आर्यपुत्र, ऋतु शेखर असम की कुंतलादत्त, मद्रास के डॉ एज़िल, अशोक जैन, ग्वालियर के दाश तथा रमेश कटारिया आदि के साथ सम्पूर्ण देश के लगभग पचपन कवियों ने विभिन्न भाषाओं में काव्य पाठ किया। कवि सम्मेलन का संचालन नरेंद्र परिहार नागपुर ने किया। डॉ अवस्थी ने काव्य पाठ के साथ धन्यवाद दिया। डॉक्टर मिश्र ने अध्यक्षीय टिप्पणी के साथ काव्य पाठ किया।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Recent Posts

Recent Comments

    Archives

    Categories

    Meta

    'तेलंगाना समाचार' में आपके विज्ञापन के लिए संपर्क करें

    X