मुख्यमंत्री केसीआर इलाज के लिए यशोदा और प्रचार के लिए गांधी अस्पताल गये : वाईएस शर्मिला

हैदराबाद : वाईएस शर्मिला ने खेद व्यक्त करते हुए कहा कि तेलंगाना में धान और मिर्च की फसल खरीद को लेकर किसान आंदोलन कर रहे हैं। सरकार की ओर से नौकरियों की अधिसूचना जारी नहीं होने के कारण बेरोजगार युवक आत्महत्याएं कर रहे हैं। दूसरी ओर कोरोना की इस संकट की घड़ी में महिलाएं परिवार के पोषण के लिए अपना मकान, सोना और आखिर मंगलसूत्र बेच रही हैं। तेलंगाना में यह वास्तविक स्थिति है, लेकिन केसीआर की सरकार को ऐसा कुछ भी दिखाई नहीं दे रहा है।

शर्मिला ने इंदिरा शोभन कोऑर्डिनेशन में तेलंगाना के विभिन्न जिलों की ड्वाक्रा संघों की महिलाओं के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंस में यह बात कही। उन्होंने ने आगे कहा कि तेलंगाना के मुख्य सचिव का यह कहना हास्यास्पद है कि कोविड प्रबंधन, परीक्षण, टीकाकरण प्रणाली और चिकित्सा सेवाएं अच्छी है। शर्मिला ने कहा कि सरकार का बयान बिल्ली आंखें बंद करके दूध पीने जैसा है। सीएम केसीआर समझ रहे है कि उनके कार्यों को तेलंगाना के लोग नहीं जानते।

इलाज के लिए यशोदा और प्रचार के लिए गांधी

शर्मिला ने कहा कि केसीआर इलाज के लिए यशोदा अस्पताल और प्रचार के लिए गांधी अस्पताल गये हैं। हम रोज कहते आ रहे है कि कोरोना को आरोग्यश्री में शामिल किया जाये। सरकार की नीति भैंस पर बारिश गिरे जैसा है। हमारे दबाव में आकर ही सरकार ने कोरोना को आरोग्यश्री के बजाय आयुष्मान भारत में शामिल किया है।

आयुष्मान भारत और आरोग्यश्री में फर्क

उन्होंने आगे कहा कि आयुष्मान भारत से तेलंगाना में केवल 26 लाख परिवार लाभान्वित होंगे, जबकि आरोग्यश्री से 80 लाख परिवारों को लाभ मिलेगा। केसीआर ने कहा था कि आयुष्मान भारत बेकार योजना है। अब केसीआर जवाब दें कि उस योजना को तेलंगाना में क्यों लागू किया जा रहा है? आयुष्मान भारत में सभी बीमारियों के लिए 5 लाख रुपये तक का इलाज होता है, जबकि आरोग्यश्री में 13 लाख रुपये तक का इलाज संभव है।

रोजगार और आमदनी का अभाव

उन्होंने कहा कि कोरोना के दौरान ड्वाक्रा महिलाओं ने इलाज और परिवार के भरण-पोषण के लिए 10 हजार करोड़ रुपये उधार लिये है। यह पिछले साल की तुलना में 60 फीसदी अधिक है। रोजगार और आमदनी के अभाव में लाखों महिलाएं कर्ज में डूब गई हैं।

मुख्यमंत्री की असमर्थता

शर्मिला ने मांग की कि मुख्यमंत्री की असमर्थता के कारण 10 लाख से अधिक महिलाएं कर्ज में डूब गये हैं। ड्वाक्रा महिला संघों के सभी ऋण माफ किये जाये। पिछले तीन सालों से महिला संघों के ऋण पर ब्याज भी नहीं दे रहे हैं। वह ब्याज का बोझ हमारी बहनों पर पड़ रहा है। ब्याज और कर्ज माफ करने की केसीआर सरकार की जिम्मेदारी है।

अभयहस्तम कंट्रीब्यूटरी योजना रद्द

इस अवसर पर ड्वाक्रा महिलाओं ने वाईएस शर्मिला को बताया कि वाईएसआर के शासनकाल के दौरान शुरू की गई अभयहस्तम कंट्रीब्यूटरी योजना को रद्द किये जाने के कारण उनको काफी नुकसान हो रहा है और आपको सबसे पहले इसके लिए लड़ना है। वाईएस शर्मिला ने कहा कि वह तेलंगाना में महिलाओं की दुर्दशा से अच्छी तरह से अवगत हैं। खासकर अकेली रह रही महिलाओं की समस्याओं को अच्छी तरह से जानती है।

केसीआर को वोट के जरिए सबक सिखाना है

शर्मिला ने कहा कि मैं जानती हूं कि अभयहस्तम योजना के तहत आपकी ओर से भुगतान किया गया पैसा भी आपको नहीं मिल रहा है। आपको धैर्य से रहना है और बहादुरी के साथ लड़ते हुए आगे बढ़ना है। उन्होंने आह्वान किया कि आने वालों दिनों में केसीआर की सरकार को वोट के जरिए सबक सिखाना है। मुझे विश्वास है कि हम सबके अच्छे दिन आएंगे। दिवंगत वाईएसआर की सरकार फिर से सत्ता में आएगी। सत्ता में आते ही अभयहस्तम योजना को फिर से लागू किया जाएगा। इस वीडियो कांफ्रेंस में अनेक प्रांत की महिलाओं ने भी भाग लिया।

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