अमरावती : आंध्र प्रदेश में वाईएस जगन मोहन रेड्डी की सरकार ने एक बार फिर बड़े पैमाने पर पदों का पिटारा खोला हैं। कुल 481 निदशकों को नियुक्त किया है। जगन सरकार ने आंध्र प्रदेश में 47 निगमों के लिए 481 निदेशकों की नियुक्ति करके हड़कंप मचाया है।
सरकारी के सलाहकार सज्जला रामकृष्ण रेड्डी ने शनिवार को निदेशकों की नियुक्ति का खुलासा किया। इस बैठक में राज्य के बीसी कल्याण मंत्री वेणुगोपाल कृष्णा, गृहमंत्री मेकतोटी सुचरिता, सांसद नंदीगम सुरेश और विधायक मेरुगा नागार्जुन ने भाग लिया।
इस अवसर पर सज्जला रामकृष्ण रेड्डी ने कहा कि पिछली टीडीपी के शासनकाल में निगमों के अध्यक्ष पदों की नियुक्ति का नाम ही नहीं था। चंद्रबाबू ने राज्यसभा सीट के मामले में भी कथित तौर पर एससी समुदाय को अपमान किया। चंद्रबाबू ने एससी, एसटी, बीसी और अल्पसंख्यकों को केवल वोट बैंक के रूप में देखा है। मगर मुख्यमंत्री वाईएस जगन मोहन रेड्डी ने स्वयं निदेशकों की नियुक्ति में हिस्सा लिया और सभी वर्गों को बढ़ावा दिया है।
सज्जला ने बताया कि सीएम जगन ने निगमों के अध्यक्ष पदों की नियुक्ति में सामाजिक न्याय लागू किया है। स्वयं ऐसी सूची तैयार की है। निगम के निदेशकों में 58 फीसदी पद एससी, बीसी और अल्पसंख्यकों को आवंटित किया हैं। इनमें से 52 प्रतिशत पद महिलाओं को दिया है। सज्जला ने आगे कहा कि 42 फीसदी पद ओसी को दिए गये। इससे स्पष्ट होता है कि सीएम जगन का लक्ष्य कमजोर तबकों को आगे लाना है।
गृह मंत्री सुचरिता ने कहा कि सीएम जगन ने महिलाओं को सबसे अधिक प्राथमिकता दी है। निगमों की नियुक्ति में महिलाओं को 52 फीसदी पद देने का श्रेय केवल सीएम जगन को जाता है। सुचरिता ने यह भी कहा कि राज्य भर में सभी 31 लाख मकानों के पट्टे भी महिलाओं के नाम पर पंजीकरण किया है। इससे स्पष्ट होता है कि सीएम जगन महिलाओं को कितनी प्रमुखता देते हैं।
मंत्री वेणुगोपाल कृष्णा ने कहा कि चंद्रबाबू को अपमानित किया है। बीसी को केवल वोट बैंक के रूप में देखा है। वहीं सीएम जगन ने कमजोर तबकों को भरोसा दिया है।