[राइटर्स एंड जर्नलिस्ट एसोशिएशन आफ इंडिया (WAJA) के तेलंगाना इकाई की वर्चुवल सभा 23 अगस्त को संपन्न हुई। यह सभा तेलुगु के प्रमुख क्रांतिकारी कवि निखिलेश्वर के केंद्रीय साहित्य अकादमी द्वारा पुरस्कृत होने के संदर्भ में उनके सम्मान में आयोजित की गयी थी। इस सभा में अनेक साहित्यकार, पत्रकार, लेखक और वक्ताओं ने भाग लिया। वाजा के तेलंगाना इकाई के अध्यक्ष एनआर श्याम इस कार्यक्रम की अध्यक्षता की। उनके अध्यक्षीय भाषण का संक्षिप्त संदेश ‘तेलंगाना समाचार’ में प्रकाशित हो चुका है। इसी कड़ी में राइटर्स एंड जर्नलिस्ट एसोसिएशन (वाजा इंडिया) राष्ट्रीय स्तर पर लेखकों व पत्रकारों का प्रथम साझा मंच के महासचिव शिवेंद्र प्रकाश द्विवेदी के भाषण का लघु संदेश पाठकों के लिए यहां दिया जा रहा है। विश्वास है कि उभरते कवि और लेखकों को यह संदेश प्रभावित करेगा। – संपादक]
क्रांतिकारी कवि निखिलेश्वर जी ने साहित्य साधना में आधी सदी से भी अधिक समय गुजारा है। यह एक बड़ा कालखंड खुद ही श्री निखिलेश्वर जी के विराट व्यक्तित्व की गवाही देता है। जैसा की वाजा तेलंगाना के उपाध्यक्ष मुरलीधर ने कहा कि निखिलेश्वर जी तेलुगु की संपदा हैं। मैं इस बात से अक्षरश: सहमत हूं।
इसी तरह वाजा तेलंगाना की सलाहकार डॉक्टर अहिल्या मिश्रा जी ने कहा कि निखिलेश्वर जी को किसी सीमाओं में बांधा नहीं जा सकता। तेलंगाना के मिट्टी से (यहाँ के संस्कारों से, परंपराओं से, रचनाधर्मिता से) जुड़े कवि हैं। यह बात भी अक्षरशः सही है।
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क्योंकि निखिलेश्वर जी की साहित्य साधना को तेलंगाना की सीमाओं में किसी भी कीमत पर कैद नहीं किया जा सकता। आज श्री निखिलेश्वर जी 82 वर्ष के हो चुके हैं। मैं वाजा इंडिया की तरफ से उनके दीर्घायु होने की कामना करता हूं तथा ईश्वर से यह प्रार्थना करता हूं कि श्री निखलेश्वर जी लगातार साहित्य कर्म पथ पर चलते हुए हर पल कुछ नया सृजित करते रहे।
इसके अलावा वाजा तेलंगाना इकाई से मैं आग्रह करूंगा कि आगे वह निखिलेश्वर जी की कविताओं पर एक ऑनलाइन परिचर्चा आयोजित करें, जिससे उनकी कविताओं और उनके लेखन पर कुछ और गंभीर वार्तालाप हो सके।
वाजा इंडिया के राष्ट्रीय महासचिव शिवेंद्र प्रकश द्विवेदी