हैदराबाद (सरिता सुराणा की रिपोर्ट): सूत्रधार साहित्यिक एवं सांस्कृतिक संस्था, भारत हैदराबाद द्वारा आयोजित नौ दिवसीय मातृ-भक्ति गीत महोत्सव के पांचवें दिन माता स्कन्दमाता की आराधना हेतु देश के कोने-कोने से लब्ध प्रतिष्ठित साहित्यकार पटल पर विराजमान थे। संस्थापिका सरिता सुराणा ने माता के श्लोकों से कार्यक्रम का शुभारम्भ किया और सीहोर, मध्य- प्रदेश से वरिष्ठ गीतकार गीतेश्वर बाबू घायल को कार्यक्रम की अध्यक्षता करने हेतु मंच पर सादर आमंत्रित किया।
तत्पश्चात् सिलीगुड़ी, पश्चिम बंगाल से महोत्सव में जुड़ी डाॅ बबीता अग्रवाल कंवल को कार्यक्रम के संचालन हेतु तथा डाॅ टी श्रीलक्ष्मी को हैदराबाद से, श्रीमती आरती सिंह को कोलकाता से कार्यक्रम में आमंत्रित किया। उन्होंने शब्द पुष्पों द्वारा सभी सम्मानित साहित्यकारों का हार्दिक स्वागत एवं अभिनन्दन किया।
डाॅ टी श्रीलक्ष्मी ने तेलुगु भाषा में- अंबे वंदनौ, जगदंबे वंदनौ जैसी मधुर वन्दना प्रस्तुत की। उपस्थित सभी विद्वजनों और श्रोताओं ने उनकी मुक्त कंठ से प्रशंसा की। उसके बाद सरिता सुराणा ने माता के चरणों में अपना भक्ति गीत प्रस्तुत किया, जिसमें माता के नौ रूपों का वर्णन निहित था। बबीता अग्रवाल कंवल ने मारवाड़ी भाषा में- मैं तो थारो टाबरियो, जगदंबे मैया महर करो, भक्ति गीत प्रस्तुत किया।
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आरती सिंह ने भोजपुरी भाषा में- मैया लल्लन की चुनरिया संग बनावेली बहिनबा जैसा भावपूर्ण गीत प्रस्तुत किया। अध्यक्षीय उद्बोधन में गीतेश्वर बाबू ने सभी सहभागियों की प्रस्तुतियों की प्रशंसा की और इस भक्ति गीत महोत्सव के आयोजन हेतु सूत्रधार संस्था को बधाई एवं शुभकामनाएं दीं।
उन्होंने माता के नौ रूपों और नौ के अंक की महिमा बताते हुए अपने गीत- नौ खण्ड नौबत बाजे भवानी की/नभ में नौ-नौ ध्वजा लहराए तथा नौ दुर्गा मेरे अंगना पधारो और नौ दिन हैं मेरी मां के सुहाने प्रस्तुत करके दर्शकों का मन मोह लिया। साथ ही- तुम बिन जब मेरे आंगन में मौसम आता जाता है जैसे मनमोहक गीत प्रस्तुत करके भक्ति गीतों का समां बांध दिया।
इस कार्यक्रम में बड़ी संख्या में श्रोता गण उपस्थित थे। बबीता अग्रवाल ने बहुत ही सुन्दर ढंग से कार्यक्रम का संचालन किया। सरिता सुराणा ने सभी अतिथियों, संयोजिका बबीता अग्रवाल कंवल और समस्त श्रोता गणों का हार्दिक आभार व्यक्त किया।