हैदराबाद : छत्तीसगढ़ में एक महिला अपने पति के लिए जंगल का रास्ता पकड़ा। वह अपने तीन साल के बेटे को कंधे पर उठाकर… पति की तलाश में जंगल में चली गई। यह घटना आंध्र प्रदेश के सीमांत क्षेत्र के छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले के मन्केल्ली में प्रकाश में आई है।
मिली जानकारी के अनुसार, अजय लक्रा नामक अभियंता मन्केली इलाके में सड़क निर्माण कार्य की निगरानी कर रहा था। कुछ दिन पहले जिस इलाके में सड़क निर्माण का काम चल रहा था, वहां माओवादी पहुंचे। माओवादियों ने अजय लक्रा के साथ उसके पास काम करने वाले अटेंडेंटर लक्ष्मण का अगवा कर लिया। यह जानकर अजय की पत्नी अर्पिता रोते हुए घर पर नहीं बैठी। वह पति को माओवादियों के चंगुल से छुड़ाने के लिए जंगल की ओर निकल पड़ी। वह अपने तीन साल के बेटे को लेकर पति के लिए जंगल की सैर पर निकल गई।
इस दौरान महिला ने मीडिया से कहा कि उसके पास पति के अलावा कोई नहीं है। वह बिना पति के नहीं रह सकती है। कहकर जंगल में चली गई। मगर उसे पता नहीं है कि उसका पति कहां है। यह भी पता नहीं है कि माओवादियों ने उसके पति को कहां ले गये। छोड़ दिये जाने की उम्मीद भी नहीं है। पति को जान से मार डालने डर से वह अकेली जंगल की ओर निकल पड़ी। पति के प्रति उसका जो प्यार था, उसे घर में रहने नहीं दिया। रोते हुए…अपने आपको हिम्मत देते हुए तीन साल के बेटे को लेकर पति के लिए घने जंगल की ओर चल पड़ी।
इसी बीच सुरक्षा बल, अधिकारी, नागरिक संगठ और मीडिया प्रतिनिधियों ने माओवादियों से संपर्क किया और बातचीत की। उन्होंने माओवादियों से दोनों अपहरणकर्ताओं को रिहा करने का आग्रह किया। साथ ही अगवा किये गये इंजीनियर और अटेंडेर को किसी प्रकार की हानि नहीं पहुंचाने की विनती की।
बातचीत के बाद माओवादियों ने दोनों अपहरणकर्ताओं को स्थानीय एक गांव में ले आकर छोड़ दिया और चले गये। इस समय अपने पति को माओवादियों के चंगुल से छुड़वाने के लिए अर्पित द्वारा किये गये साहस की लोग सोशल मीडिया में जमकर तारीफ कर रहे हैं।