विहंगम योग संत समाज का साप्ताहिक सत्संग आयोजित, ब्रह्मविद्याविहंगमयोग पर हुई चर्चा, विस्तार से जानने के लिए पढ़ें खबर

हैदराबाद (सुभाष चंद्र अग्रवाल की रिपोर्ट) : विहंगम योग संत समाज, हैदराबाद, का साप्ताहिक सत्संग, सैदाबाद, स्थित हैदराबाद आश्रम पर आयोजित हुआ। सत्संग का प्रारंभ स्वागत गान, मंगल गान, स्वर्वेद महाग्रंथ के पाठ के साथ हुआ।

ध्यान साधना के पश्चात ब्रह्मविद्याविहंगमयोग पर चर्चा हुई। जिसमें वरिष्ठ गुरु भाई ओमप्रकाश अग्रवाल ने बताया कि धर्म के दस लक्षण होते हैं। वै हैं- (1) धी (2) विद्या (3) सत्य (4) धृति (5) दम (6) इंद्रिय-निग्रह (7) शौच (8) अक्रोध (9) क्षमा और (10) आस्तेय। इन्हीं दस धर्म के पालन से जीवन और समाज या राष्ट्र आगे बढेगा। वैदिक युग का महत्व ही यह है कि जीवन के क्षेत्र में प्रत्येक की उन्नति हो और आत्मा अध्यात्म के क्षेत्र में विकसित होकर परम लक्ष्य परमात्मा प्राप्ति की सिद्धि करे एवं आदर्श स्थापित करे।

विहंगम योग की साधना द्वारा विषय – विकारों पर विजय प्राप्त कर धर्म रूपी सभी गुणों को धारण किया जा सकता है।
सत्संग में सुभाष अग्रवाल, काशीराम,सुशील अन्ने, ओमप्रकाश अग्रवाल, देवेंद्र अग्रवाल,अशोक अग्रवाल, जितेश अग्रवाल, आलोकअवस्थी, चंदन कुमार, कमल शर्मा, अजीत जैसवाल, श्याम लाल, चंद्र मोहन एवं सरस्वती अग्रवाल उपस्थित रहे।
वंदना, आरती, शांति पाठ एवं प्रसाद वितरण के साथ सत्संग का समापन हुआ।

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