WAJA: साहित्य से दूरी ने गिराई पत्रकारिता की गरिमा – शिवेंद्र प्रकाश द्विवेदी

आज का सुविचार:- आजादी का कोई अर्थ नहीं है यदि इसमें गलतियां करने की आजादी शामिल न हों। – महात्मा गांधी

पटना: “देश के चोटी के लेखक और कवि पहले पत्रकार रहे हैं और उनके साहित्यकार होने की पहचान बहुत बाद में हुई है। वस्तुतः पत्रकारिता साहित्य साधना की पहली सीढ़ी है और इससे संबंध छोड़ना अपनी आधार भूमि भूलना होगा! आजादी के पहले समाचार पत्रों को दैनिक साहित्य की संज्ञा दी जाती थी, बड़े बड़े साहित्यकार पत्र-पत्रिकाओं के संपादक हुआ करते थे, लेकिन धीरे-धीरे जब साहित्य पत्रकारिता से गायब हुआ और उस पर बाजारवाद का प्रभाव बढ़ने लगा तो पत्रकारिता अपनी गरिमा खोने लगी।” उक्त उद्गार पटना बिहार हिन्दी साहित्य सम्मेलन के सभागार में राष्ट्रीय स्तर पर लेखकों पत्रकारों के प्रथम साझा मंच ‘राइटर्स एंड जर्नलिस्ट्स एसोसिएशन इंडिया’ (वाजा इंडिया) के राष्ट्रीय महासचिव शिवेंद्र प्रकाश द्विवेदी ने व्यक्त किया।

कार्यक्रम में राइटर्स एंड जर्नलिस्टस एसोसिएशन इंडिया बिहार प्रदेश इकाई के प्रदेश अध्यक्ष डॉ अनिल सुलभ के नेतृत्व में
35 सदस्यीय कार्य समिति का पुनर्गठन हुआ। जिसमें डॉ अनिल सुलभ (अध्यक्ष), डॉ शंकर प्रसाद, डॉ पूनम आनंद, रमेश कंवल, डॉ सीमा रानी (सभी उपाध्यक्ष), कुमार अनुपम (महासचिव), उमाशंकर सिंह (संगठन सचिव), पुष्कर कुमार (प्रचार सचिव), डॉ अर्चना त्रिपाठी, डॉ सागरिका राय, डॉ मनोज गोवर्द्धनपुरी, डॉ अमरनाथ प्रसाद, नीरव समदर्शी, (सभी सचिव), शमा कौसर ‘शमा’, संजू शरण, मोईन गिरीडीहवी, अनवार उल्लाह, कौशलेंद्र पाण्डेय (सभी संयुक्त सचिव), ओम् प्रकाश पाण्डेय ‘प्रकाश’, डॉ प्रतिभा रानी, चितरंजन भारती, मदन मोहन ठाकुर, डॉ शालिनी पाण्डेय, डॉ पंकज वासिनी, ब्रजेश मिश्र, जय प्रकाश पुजारी, रमाकान्त पाण्डेय, कृष्ण रंजन सिंह, तलत परवीन, डॉ रेखा सिन्हा, श्रीकांत व्यास, प्रमोद कुमार, अमित कुमार सिंह (सभी कार्यकारिणी सदस्य) चुने गये।

इस अवसर पर डॉ अनिल सुलभ ने साहित्यकारों और पत्रकारों, दोनों समुदायों के साझा-हित पर विस्तार से चर्चा की तथा कहा कि समाज की दशा सुधारने और उसे एक सकारात्मक और गुणात्मक दिशा देने की शक्ति इन्हीं दोनों समुदायों के हाथ में है। इसीलिए इन्हें अपने कर्तव्यों एर दायित्वों की गहरी समझ होनी चाहिए। हमें मिलकर एक दूसरे की समस्याओं की पड़ताल और निदान करते हुए, एक दूसरे का पूरक बनना चाहिए। उन्होंने आगे कहा कि लेखकों-पत्रकारों की एकता हेतु पूरे बिहार में आंदोलन खड़ा किया जाएगा।

इस अवसर पर अपनी बात रखते हुए वाजा इंडिया के उपाध्यक्ष व झारखंड प्रदेश के प्रभारी विपिन कुमार सिंह ने कहा कि लेखकों पत्रकारों की एकता आज के समय को देखते हुए बहुत ही आवश्यक है! कार्यक्रम में दर्जनों लेखकों पत्रकारों ने बारी-बारी से एसोसिएशन को आगे बढ़ाने के लिए अपनी अपनी बात रखी तथा सुझाव भी दिए। कार्यक्रम में राइटर्स एंड जर्नलिस्ट्स एसोसिएशन इंडिया बिहार प्रदेश के लेडीज विंग की महिला लेखिका व पत्रकारों ने भी अपनी अपनी बातें रखीं। इस दौरान बड़ी संख्या में बिहार के लेखन पत्रकारिता से जुड़े लोग भी मौजूद थे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Recent Posts

Recent Comments

    Archives

    Categories

    Meta

    'तेलंगाना समाचार' में आपके विज्ञापन के लिए संपर्क करें

    X