हैदराबाद : पृथक तेलंगाना राज्य का गठन करने के बाद तेलंगाना राष्ट्र समिति एक अजेय राजनीतिक पार्टी के रूप में उभरी है। के चंद्रशेखर राव (केसीआर) की अध्यक्षता में अविश्वसनीय जीत हासिल करके दूसरी बार भी सत्ता में आई है।
एक आंदोलन पार्टी का रूप धारण करके सत्ता में आने वाली तेलंगाना राष्ट्र समिति आज किसी भी राजनीतिक दल के पांव जमीन पर टिकने नहीं दे रही है। एक शक्तिशाली तेलंगाना राष्ट्र समिति इस समय संपत्ति को लेकर चर्चा के घेरे में हैं।
टीआरएस ने चुनाव आयोग को आधिकारिक रूप से बताया कि उसके पास जो संपत्ति है उसका मूल्य लगभग 301.47 करोड़ रुपये हैं।
पार्टी ने केंद्रीय चुनाव आयोग को सौंपी गई रिपोर्ट में अपनी संपत्ति का मूल्य बताया है।
मगर यह केवल आधिकारिक संपत्ति है। अनाधिकारिक रूप से और कितनी संपत्ति होगी और है, यही इस समय चर्चा का विषय बना है। टीआरएस ने पार्टी के राजस्व और व्यय पर साल 2019-20 की ऑडिट रिपोर्ट को 15 फरवरी को केंद्रीय चुनाव आयोग को भेजी है।
विभिन्न राष्ट्रीय और क्षेत्रीय दलों के राजस्व और व्यय पर एक वार्षिक रिपोर्ट को सीईसी ने हाल ही में अपनी वेबसाइट में उपलब्ध कराया है। टीआरएस निधि और संपत्ति का मूल्य साल 2018-19 में 188.73 करोड़ रुपये थी और साल 2019-20 में बढ़कर 301.47 करोड़ रुपये हो गई हैं। एक साल में ही इतनी आय को बढ़ते देख अन्य राजनीतिक दल सोच में पड़ गये हैं। साथ ही इसी मुद्दे को एक हथियार के रूप में इस्तेमाल करने की रणनीति बना में जुट गये हैंं।