हैदराबाद : माओवादी माडवी हिडमा का अंतिम संस्कार हो गया। हिडमा को लेकर कथित मुठभेड़ को लेकर देश ही नहीं, विदेशी मीडिया में प्रमुखता से प्रसारित और प्रकाशित किया गया। सोशल मीडिया में तो हिडमा को आदिवासियों का महान नेता बताया और बता रहे हैं।
बस्तर टॉकीज के प्रमुख विकास तिवारी ने हिडमा के गांव पूवर्ती का दौरा किया और ग्रामीणों से मुलाकात की। ग्रामीणों ने बताया कि हिडमा को बहुत प्रताड़ित करके मौत को घाट उतारा गया है। उनके शव पर हाथ और पैर के टूटने के निशान थे और पूरे शरीर पर काटे जाने के निशान थे।
आदिवासी इलाके और माओवादियों के खबरों को प्रमुखता से प्रसारित करने वाले बस्तर टॉकीज के प्रमुख विकास तिवारी हिडमा के गांव पूवर्ती गांव गये और गांव वालों से मिले। गांव वालों ने चेहरा न बताने की शर्त पर बस्तर टॉकीज को बताया कि हिडमा को बहुत प्रताड़ित करके मौत को घाट उतारा है।
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गांव वालों ने तिवारी को बताया कि जब हिडमा का शव आया तो उन्होंने शव को बारिकी से देखा। हिडमा का हाथ टूटे हुए थे। पैर घुटने के नीचे के हिस्से को तोड़ दिया गया था। पूरे शरीर को काटे जाने के निशान थे। हिडमा के शव को देखकर लगता है कि उसे बहुत बुरी तरह से प्रताड़ित करके मौत को घाट उतार दिया गया।
इस दौरान गांव वालों ने सबूत के तौर पर विकास को हिडमा शव के घाव वाले तस्वीरें भी दिखाये। उस तस्वीर में पैर को कैसे काटकर और मारकर चूरा – चूरा कर दिया गया। गांव वालों ने सवाल किया कि कड़ी सुरक्षा में रहने वाले हिडमा के सुरक्षा के लिए तैनात साथी कहां गये? उसके पास हमेशा आधुनिक हथियार रहता था। वह हथियार भी उसके पास नहीं था।
गांव वालों ने यह भी अनुरोध किया कि माडवी तो मारा गया। भविष्य में माडवी की तरह देवा दादा को न मारे। यदि वह पकड़ा जाता है तो उसे अदालत में पेश करें। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि तेलंगाना के माओवादियों ने हमारे पास आये और हथियार चलाना सिखाया है। अब वो सरेंडर हो गये। हिडमा आदिवासी है। इसीलिए उसे मार दिया है।
आदिवासियों ने यह भी कहा कि जिलाधीश की अनुमति लेकर गांव में हिडमा का स्तूप बनाएंगे। साथ ही हिडमा और उसकी पत्नी राजे के कथित मुठभेड़ को लेकर न्याय के लिए अदालत का दरवाजा खटखटाएंगे। इस दौरान विकास तिवारी ने बताया कि यूट्यूब नियमों के अनुसार शव के तस्वरों को नहीं दिखा सकते हैं।
