हैदराबाद: टीपीसीसी अध्यक्ष रेवंत रेड्डी ने कहा है कि तेलंगाना सरकार की ओर से किए जा रहे तबादलों की प्रक्रिया से कर्मचारी और शिक्षकों को परेशानी हो रही है। उन्होंने कहा कि सरकार की ओर से अपनाई जा रही नीति के कारण कर्मचारी और शिक्षक अपने ही जिले में गैर-मूल निवासी होने का खतरा है। रेवंत रेड्डी ने इस संबंध में मुख्यमंत्री केसीआर को खुला पत्र लिखा है।
रेवंत रेड्डी ने कहा कि इसी अन्याय के खिलाफ तेलंगाना में आंदोलन किया गया था। अब फिर से वही स्थिति उत्पन्न होना अन्याय है। मांग की कि लड़कर हासिल किये गये तेलंगाना का अर्थ बदलने वाली इस नीति को वापस लें। साथ ही शिक्षक और कर्मचारी स्थानीयता पर ही विचार किया जाये।
उन्होंने आगे कहा कि नई जोनल नीति के अनुसार पदों का विभाजन किसी के लिए वरदान है, तो किसी के लिए अभिशाप बन गया है। विभाजन और तबादलों में नए जिलों के इलाके को ध्यान में नहीं लिया जा रहा है। यही कारण है कि तबादलों का असर शिक्षकों पर ज्यादा पड़ रहा है। रेवंत रेड्डी ने मांग की कि कर्मचारी और शिक्षक संघों के नेताओं साथ चर्चा के बाद नई दिशानिर्देशों के आधार पर तबादले किया जाये।
उन्होंने कहा कि पूर्व में एजेंसी प्रांतों में कर्मचारियों का आवंटन और तबादले जीओ नंबर 3 के अनुसार किया जाता था। सुझाव दिया कि कर्मचारियों के आवंटन में स्थानीयता को मानक के रूप में ले। जरूरत पड़ने पर कनिष्ठों के लिए अतिरिक्त पदों सृजन किया जाये।