हैदराबाद: टीपीसीसी अध्यक्ष रेवंत रेड्डी ने कहा कि मुख्यमंत्री केसीआर की गलत नीतियों के कारण ही तेलंगाना में मौत का तांडव जारी है। उन्होंने अफसोस जताया कि सरकार द्वारा अपनाई गई अलोकतांत्रिक नीतियों के कारण विभिन्न समुदायों के लोग आत्महत्या कर रहे हैं। आलम यह है कि जनता द्वारा प्यार से चुने गए सीएम केसीआर अब जनता के लिए यमराज बन गए हैं।
उन्होंने तेलंगाना की जना से आह्वान किया कि कोई भी आत्महत्या न करें। आत्महत्या किसी भी समस्या का समाधान नहीं है। सरकार के खिलाफ एकजुट होकर लड़ने के लिए आगे आये। कांग्रेस पार्टी आपके साथ खड़ी है।
रेवंत रेड्डी ने महबूबाबाद जिले में आत्महत्या करने वाले पर्वतागिरी गांव के मिर्ची किसान नारमल्ल संपत, लक्ष्मातांडा आदिवासी किसान अज्मीरा श्रीनु, नेल्लीकुदुरु मंडल संध्यातांडा के शिक्षक बानोत जेठराम और बय्यार गांव निवासी और बेरोजगार मुत्याल सागर परिवारों से मिलकर सात्वंना दिया। इसके बाद जिला मुख्यालय में पत्रकारों से बात की। उन्होंने कहा कि केसीआर के शासनकाल में लोग अशांति और असुरक्षा के चलते लोग दम तोड़ रहे हैं।
रेवंत रेड्डी ने स्पष्ट किया कि कर्मचारी और शिक्षकों के प्रति अभिशाप बन चुके 317 जीओ को रद्द को लेकर संसद सत्र में आवाज उठाएंगे। उन्होंने कहा कि वायरस से संक्रमित होकर मिर्च किसान आत्महत्या कर रहे है। ऐसे किसानों को मुआवजा तक नहीं दिया जा रहा है। कम से कम वैज्ञानिकों को मिर्च वायरस नियंत्रित करने के लिए सचेत भी नहीं किया जा रहा है। रेवंत ने आश्वासन दिया कि सिर्फ 18 महीने हिम्मत रहे। बाद में सोनिया गांधी का राज आएगा और सभी वर्गों के साथ न्याय किया जाएगा।
रेवंत ने कहा कि कांग्रेस की बढ़ती लोकप्रियता से केसीआर चिंतित है। आने वाले चुनाव में टीआरएस की हार पक्की है। इस डर से अब प्रशांत किशोर (पीके) को राजनीतिक रणनीतिकार के रूप में पर्दे पर लेकर आये हैं। सवाल किया कि अगर कल्याणकारी योजनाओं को ठीक से लागू किया जाता तो क्या पीके जैसे व्यक्ति की जरूरत होती?
रेवंत ने कहा कि केसीआर सरकार ने धान की फसल नहीं करने की किसानों को गंभीर चेतावनी दी। इस डरावनी चेतावनी के चलते वरंगल और खम्मम में किसानों ने मिर्ची की खेती की। परिणामस्वरूप मिर्ची किसान बुरी तरह प्रभावित हो गये। उन्होंने स्पष्ट किया कि 18 महीने के भीतर केसीआर को सत्ता दूर किया जाएगा।